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‘लेह हिंसा में कांग्रेस का हाथ’, BJP के लगाए आरोपों पर क्या बोले सोनम वांगचुक

सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने कहा- कांग्रेस का यहां इतना प्रभाव नहीं है कि वह 5000 युवाओं को सड़कों पर ला सके।

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लेह

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Ashib Khan

Sep 24, 2025

Sonam Wangchuk

सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी पर सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार और लद्दाख प्रशासन को जारी किया नोटिस (फोटो-IANS)

Ladakh Protest: लद्दाख के लेह शहर में बुधवार को सुरक्षा बलों और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़प में चार लोगों की मौत हो गई जबकि 70 से ज्यादा घायल हो गए। ज़िला मजिस्ट्रेट (डीएम) ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएस) अधिनियम, 2023 की धारा 163 के तहत प्रतिबंध लगा दिए हैं। लेह में हुई हिंसा को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है। बीजेपी नेता अमित मालवीय ने इस हिंसा में कांग्रेस पार्षद फुंटसोग स्टैनज़िन के शामिल होने का आरोप लगाया है। बीजेपी के इस आरोप पर सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने प्रतिक्रिया दी है।

क्या बोले सोनम वांगचुक

सामाजिक कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने कहा- कांग्रेस का यहां इतना प्रभाव नहीं है कि वह 5000 युवाओं को सड़कों पर ला सके। एक कांग्रेस पार्षद कल गुस्से में अस्पताल पहुंच गए क्योंकि उनके गांव के दो लोग घायल अवस्था में अस्पताल लाए गए थे। 

हिंसा पर वांगचुक ने जताया दुख

सोनम वांगचुक ने कहा कि अनशन के 15वें दिन मुझे यह बताते हुए बहुत दुख हो रहा है कि लेह शहर में व्यापक हिंसा और तोड़फोड़ हुई। कई कार्यालयों और पुलिस वाहनों में आग लगा दी गई। कल, यहां 35 दिनों से अनशन कर रहे दो लोगों को बहुत गंभीर हालत में अस्पताल ले जाना पड़ा। इससे व्यापक आक्रोश फैल गया और आज पूरे लेह में पूर्ण बंद की घोषणा कर दी गई। हज़ारों युवा बाहर निकल आए। कुछ लोग सोचते हैं कि वे हमारे समर्थक हैं। पूरा लेह हमारा समर्थक है।

‘जेन- Z की क्रांति है’

उन्होंने आगे कहा कि यह जेनरेशन Z की क्रांति थी। वे पिछले 5 सालों से बेरोज़गार हैं। उन्हें नौकरियों से वंचित किया जा रहा है। मैंने हमेशा कहा है कि यही सामाजिक अशांति का नुस्खा है, युवाओं को बेरोज़गार रखना और उनके लोकतांत्रिक अधिकारों को छीनना। आज यहाँ कोई लोकतांत्रिक मंच नहीं है। छठी अनुसूची, जिसकी घोषणा और वादा किया गया था, उस पर ध्यान नहीं दिया गया। हालाँकि, अभी के लिए, मैं लद्दाख की युवा पीढ़ी से अपील करता हूँ कि वे हिंसा के इस रास्ते पर न चलें क्योंकि यह मेरे पाँच साल के प्रयास। मैं इतने सालों से अनशन कर रहा हूँ, शांतिपूर्वक मार्च निकाल रहा हूँ, और फिर हिंसा का रास्ता अपना रहा हूँ; यह हमारा रास्ता नहीं है। मैं युवा पीढ़ी से अनुरोध करता हूँ कि वे शांति के रास्ते सरकार तक पहुँचें।

सरकार के साथ बातचीत करने का समय

सोनम वांगचुक ने आगे कहा- मैं चाहता हूं कि सरकार शांति का संदेश सुने। जब वे शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों और मार्चों की अनदेखी करते हैं, तो ऐसे हालात पैदा होते हैं। मैं सरकार से आग्रह करता हूं कि वह लद्दाख के बारे में संवेदनशील हो और युवा पीढ़ी से शांति के रास्ते पर चलने का आग्रह करे। यह (हिंसा का) रास्ता मेरा रास्ता नहीं है। यह उनके गुस्से का नतीजा है। लेकिन यह गुस्सा निकालने का समय नहीं है। यह सरकार के साथ शांति से बातचीत करने का समय है। 

अमित मालवीय ने क्या कहा

बीजेपी नेता अमित मालवीय ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा- लद्दाख में दंगा कर रहा यह व्यक्ति अपर लेह वार्ड का कांग्रेस पार्षद फुंटसोग स्टैनज़िन त्सेपाग है। उसे भीड़ को उकसाते और भाजपा कार्यालय तथा हिल काउंसिल को निशाना बनाकर की गई हिंसा में शामिल होते हुए साफ़ देखा जा सकता है। क्या राहुल गांधी इसी तरह की अशांति की कल्पना कर रहे हैं?