
महागठबंधन ने जारी किया अति पिछड़ा न्याय संकल्प पत्र (Photo-IANS)
Mahagathbandhan Manifesto: बिहार में साल के अंत तक होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सरगरमी तेज हो गई है। महागठबंधन ने बुधवार को अपने घोषणा पत्र का पहला भाग जारी कर दिया है। इस दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राहुल गांधी, राजद नेता तेजस्वी यादव, वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी समेत कई अन्य नेता मौजूद थे। घोषणा पत्र के पहले भाग को अति पिछड़ा न्याय संकल्प नाम दिया गया है। इसमें अति पिछड़ा वर्ग के लिए कई वादे किए है।
महागठबंधन ने अपने घोषणापत्र के पहले भाग में अतिपिछड़ा वर्ग के लिए 10 वादे किए है, जो कि ये है:
1. ‘अतिपिछड़ा अत्याचार निवारण अधिनियम' पारित किया जाएगा।
2. अतिपिछड़ा वर्ग के लिए पंचायत तथा नगर निकाय में वर्तमान 20% आरक्षण को बढ़ाकर 30% किया जाएगा।
3. आबादी के अनुपात में आरक्षण की 50% की सीमा को बढ़ाने हेतु, विधान मंडल पारित कानून को संविधान की नौवीं अनुसूची मे शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
4. नियुक्तियों की चयन प्रक्रिया में “Not Found Suitable” (NFS) जैसी अवधारणा को अवैध घोषित किया जाएगा।
5. अतिपिछड़ा वर्ग की सूची में अल्प या अति समावेशन (under- or over-inclusion) से संबंधित सभी मामलों को एक कमेटी बनाकर निष्पादित किया जाएगा।
6. अतिपिछड़ा, अनुसूचित जाति, जन-जाति तथा पिछड़ा वर्ग के सभी आवासीय भूमिहीनों को शहरी क्षेत्रों में 3 डेसिमल तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 5 डेसिमल आवासीय भूमि उपलब्ध करायी जाएगी।
7. UPA सरकार द्वारा पारित 'शिक्षा अधिकार अधिनियम' (2010) के तहत निजी विद्यालयों में नामांकन हेतु आरक्षित सीटों का आधा हिस्सा अतिपिछड़ा, पिछड़ी जाति, अनुसूचित जाति और जन-जाति के बच्चों हेतु निर्धारित किया जाएगा।
8. 25 करोड़ रुपयों तक के सरकारी ठेकों/आपूर्ति कार्यों में अतिपिछड़ा, अनुसूचित जाति, जनजाति और पिछड़ी जाति के लिए 50% आरक्षण का प्रावधान किया जाएगा।
9. संविधान की धारा 15 (5) के अंतर्गत राज्य के सभी निजी शिक्षण संस्थानों के नामांकन हेतु आरक्षण लागू किया जाएगा।
10. आरक्षण की देखरेख के लिए उच्च अधिकार प्राप्त आरक्षण नियामक प्राधिकरण का गठन किया जाएगा, और जातियों की आरक्षण सूची में कोई भी परिवर्तन केवल विधान मंडल की अनुमति से ही संभव होगा।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने अपने संबोधन में कहा- लोकसभा में मैंने नरेंद्र मोदी जी के सामने दो बातें कहीं। पहली- देश में जातिगत जनगणना होगी और दूसरी आरक्षण में 50 प्रतिशत की दीवार तोड़ेंगे। इन वादों के पीछे सोच थी कि आज भी देश में अतिपिछड़ा, पिछड़ा, दलित, आदिवासी, अल्पसंख्यक वर्गों को जितनी भागीदारी मिलनी चाहिए, वो नहीं मिलती है। हम जातिगत जनगणना कर दिखाना चाहते हैं कि देश में किसकी कितनी आबादी है- ये पूरे देश को पता चलना चाहिए।
इस दौरान राहुल गांधी ने नीतीश सरकार पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा- बिहार में 20 साल से नीतीश कुमार की सरकार है, लेकिन उन्होंने अतिपिछड़ा समाज को न्याय दिलाने के लिए फैसले नहीं लिए। हमने अतिपिछड़ा समाज के साथ बैठक की, समाज के लोगों से बात की और 'अतिपिछड़ा न्याय संकल्प' तैयार कर दिया। नीतीश कुमार सिर्फ वोट ले रहे थे और बदले में अतिपिछड़ा समाज के हक की आवाज दबा रहे थे। हमारा वादा है कि सरकार बनते ही अतिपिछड़ा न्याय संकल्प को लागू करेंगे।
अति पिछड़ा न्याय संकल्प पत्र को जारी करते हुए राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा- हमारा विजन अतिपिछड़ा समाज को आगे बढ़ाने के लिए है। वहीं, NDA के सारे मंत्री समाज के सबसे बड़े दुश्मन हैं, जो सिर्फ अपने लाभ के लिए काम करते हैं, समाज के लिए कोई काम नहीं करते। सच्चाई यही है कि नीतीश कुमार और BJP 'आरक्षण चोर' हैं।
Published on:
24 Sept 2025 05:59 pm
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