हमारे जीवन में कभी वो पल भी आते हैं, जिन्हें हम मरते दम तक भूल नहीं पाते हैं। उन्हें सोचकर या तो हमनें बहुत खुशी या काफी निराशा होती है।
कभी-कभी जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि धन या सफलता नहीं होती, बल्कि वो छोटे-छोटे पल होते हैं जो हमें खुशी, शांति और संतुष्टि देते हैं। कभी ऐसा भी समय आता है, जब हमें उन लोगों को खुशी देनी होती है, जिन्होंने कभी हमारे लिए अपना सब कुछ त्याग दिया।
सोशल मीडिया पर हाल ही में एक शख्स ने भावुक पोस्ट शेयर की थी। रेडिट पर शख्स ने बताया कि कैसे उसने अपनी गंभीर रूप से बीमार मां की सबसे बड़ी इच्छा पूरी की।
शख्स ने अपने पोस्ट में लिखा- अप्रैल 2021 में, मां स्टेज 4 के कैंसर से जूझ रही थीं, उन्हें पूरी तरह से पता चला चुका था कि वह अपने जीवन के अंतिम पड़ाव पर है। उनके पिता संयुक्त राष्ट्र शांति सेना में काम करते थे।
शख्स ने आगे लिखा- आगरा और कानपुर के बीच एक छोटे से गांव में मां का जन्म हुआ था, उन्होंने कभी अपने जीवन में ताजमहल को सामने से नहीं देखा था। यह एक ऐसा सपना था, जिसे उन्होंने जीवन भर अपने मन में रखा।
2017 में उनके बेटे को 'द ओबेरॉय अमरविलास' में पहली नौकरी मिली। बेटे ने इस होटल से गहरा जुड़ाव महसूस किया। यहीं से उसके करियर ने उड़ान भरी। इसी होटल से उसने आतिथ्य का असली मतलब भी सीखा।
इसके बाद, जब उनके पिता घर लौटे, तो बेटे ने अपने माता-पिता के लिए एक अनोखा पल बनाने का फैसला किया। बेटे ने उसी होटल में अपने माता-पिता को रुकवाया, जहां से वे ताजमहल को सामने से देख सकते थे।
शख्स ने अपने पोस्ट में लिखा- मां को खराब स्वास्थ्य के कारण चलने में दिक्कत थी, लेकिन कमरे से ताज का मनमोहक दृश्य ने उनके जीवन भर के सपने को पूरा कर दिया।
बेटे ने कहा- हो सकता है कि मां को खाना पसंद न आया हो, जो उसके स्वाद के हिसाब से बहुत हल्का था या उस आलीशान माहौल में उसे बिल्कुल घर जैसा महसूस न हुआ हो, लेकिन उसके चेहरे पर दर्द के बीच एक अनोखी खुशी झलक रही थी।
कीमोथेरेपी के बाद मां की तकलीफ बढ़ने के कारण परिवार पूरी रात नहीं रुक सका, फिर भी उन कुछ घंटों में, मां ने एक ऐसा सपना जीया जिसके बारे में उसने कभी सोचा भी नहीं था।
शख्स ने आगे लिखा कि भले ही उन्हें खाना और ठहरना पसंद नहीं आया हो लेकिन कमरा उनके लिए बहुत आलीशान था। शायद उन्हें मुझपर गर्व था। पंद्रह दिन बाद, उनका निधन हो गया। होटल की वह तस्वीर उनके परिवार की आखिरी और सबसे अनमोल तस्वीर बन गई।