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अब भारत में मॉब लिंचिंग, बांग्लादेशी समझकर भीड़ ने मुस्लिम शख्स को पीट-पीटकर मार डाला, जांच में जुटी पुलिस

ओडिशा के संबलपुर में बांग्लादेशी होने के शक में जुएल शेख की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। वह पश्चिम बंगाल का रहने वाला 30 वर्षीय मजदूर था।

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Dec 25, 2025
प्रस्तुति के लिए इस्तेमाल की गई तस्वीर। (फोटो- IANS)

बांग्लादेश के बाद अब भारत में मॉब लिंचिंग का गंभीर मामला सामने आया है। ओडिशा के संबलपुर जिले में बुधवार शाम बौखलाई भीड़ ने बांग्लादेशी होने के शक में एक युवक को बुरी तरह से पीट-पीटकर मार डाला।

द न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने सूत्रों के हवाले से बताया कि यह घटना रात करीब 8.30 बजे हुई। मृतक की पहचान पश्चिम बंगाल के रहने वाले 30 वर्षीय प्रवासी दिहाड़ी मजदूर जुएल शेख के रूप में हुई है।

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अज्ञात बदमाश मजदूरों से भिड़े

जानकारी के मुताबिक, काम से वापस लौटने के बाद मृतक शांतिनगर में एक चाय की दुकान पर रुका था। उस समय मौके पर तीन और प्रवासी मजदूर भी मौजूद थे। इस बीच, चार-पांच अज्ञात लोग चाय की दुकान पर आए और मजदूरों से भिड़ गए।

बदमाशों ने मजदूरों पर अवैध से भारत में रह रहे बांग्लादेशी होने का आरोप लगाया। बदमाशों ने मजदूरों से पहचान पत्र मांगे। जिस पर उन्होंने अपनी वैध आईडी दिखाई, लेकिन हमलावरों ने उसे फर्जी करार दिया। इसके बाद बदमाशों ने मजदूरों को पीटना शुरू कर दिया।

मौके पर ही जुएल ने तोड़ दिया दम

हालांकि, मारपीट के बीच मौके से तीन मजदूर भागने में कामयाब रहे। जुएल शेख फंस गए, हमलावरों ने उन्हें पकड़कर बेरहमी से पीटा। जिसके बाद उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया। इस घटना के बाद बदमाश इलाके से भाग गए।

सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। शव को अपने कब्जे में लिया। इसके बाद मारपीट में घायल हुए मजदूरों को इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया।

पुलिस सूत्रों ने बताया कि शव को जिला मुख्यालय अस्पताल (डीएचएच) के मुर्दाघर में रखा गया है। इसके बाद मृतक के परिवार को सूचित कर दिया गया है।

आज हो सकता है पोस्टमार्टम

पोस्टमार्टम गुरुवार को होने की संभावना है। हमलावरों की पहचान और उन्हें ढूंढने के लिए जांच शुरू कर दी गई है। इस बीच, इस घटना से इलाके में दहशत और तनाव फैल गया है।

बांग्लादेश में हिंदू शख्स की हत्या

इससे पहले, बांग्लादेश में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की बेरहमी से हत्या कर दी गई। वह 27 वर्षीय युवक था और मयमनसिंह जिले में एक गारमेंट फैक्ट्री में काम करता था। हत्या के बाद भीड़ ने उसके शव को पेड़ पर लाकर बांध दिया और आग लगा दी।

पुलिस की जांच में पता चला है कि दीपू की हत्या ईशनिंदा के आरोप में नहीं, बल्कि कार्यस्थल पर विवाद के कारण हुई थी। दीपू ने हाल ही में मैनेजर से सुपरवाइजर पद पर पदोन्नति के लिए परीक्षा दी थी।

इस घटना के बाद बांग्लादेश और भारत में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए। भारत ने बांग्लादेश सरकार से इस घटना की निष्पक्ष जांच करने और दोषियों को सजा दिलाने की मांग की है।

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