झारखंड के लातेहार जिले में प्रतिबंधित जेजेएमपी संगठन के प्रमुख समेत नौ नक्सलियों ने पुलिस और सुरक्षा बलों के सामने सरेंडर किया।
झारखंड के पुलिस और सुरक्षा बलों को एक बड़ी कामीयाबी हासिल हुई है। राज्य के लातेहार जिले में सोमवार को प्रतिबंधित संगठन झारखंड जनमुक्ति परिषद (जेजेएमपी) संगठन के सबसे बड़े जोनल कमांडर समेत नौ उग्रवादियों ने सरेंडर किया है। यह राज्य के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा सरेंडर माना जा रहा है, क्योंकि यह पहली बार है जब इतनी बड़ी संख्या में नक्सलियों ने एकसाथ आत्मसमर्पण किया है।
इन नो उग्रवादियों में से चार पर पांच-पांच लाख रुपए के इनाम घोषित थे। इसके अलावा एक अन्य पर तीन लाख और चार अन्य नक्सल वारदातों में वांटेड थे। सरेंडर करने के साथ ही इन्होंने पुलिस को कई हथियार भी सौंपे है। इसमें पांच एके-47 सहित बड़ी संख्या में हथियार और कारतूस शामिल है। लातेहार पुलिस का दावा है कि इस समपर्ण के साथ जेजेएमपी संगठन का पूरी तरह खात्मा हो गया है।
जेजेएमपी के जोनल कमांडर रवींद्र यादव पर पांच लाख रुपए का इनाम घोषित था और उसके खिलाफ करीब 14 मामले दर्ज है। रवींद्र ने तीन अन्य राइफल और दो एके-47 के साथ ही 1,241 कारतूस पुलिस को सौंपे। इसके अलावा संगठन के सब जोनल कमांडर अखिलेश रवींद्र यादव और बलदेव गंझू पर पर भी पांच लाख का इनाम था। अखिलेश के खिलाफ 10 और गंझू के खिलाफ 9 मामले दर्ज है। अखिलेश ने एक एके-47 और 256 कारतूस के साथ पुलिस के सामने सरेंडर किया।
लातेहार पुलिस मुख्यालय में आत्मसमर्पण का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान सीआरपीएफ के आईजी साकेत सिंह, आईजी अभियान माइकलराज एस, पलामू आईजी सुनील भास्कर, डीआईजी नौशाद आलम, लातेहार एसपी कुमार गौरव और सीआरपीएफ कमांडेंट मौजूद रहे। पुलिस ने कहा, जिले में नक्सलियों पर लगातार दबाव बनाया जा रहा है और सरकार की आत्मसमर्पण नीति का असर साफ दिख रहा है। बतां दे कि, कुछ महीने पहले जेजेएमपी के पांच लाख के इनामी लवलेश गंझू और एक-एक लाख के इनामी प्रमोद गंझू, पलेंद्र गंझू और तुलसी गंझू ने भी सरेंडर किया था। आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2025 से अब तक लातेहार पुलिस ने 75 नक्सलियों को गिरफ्तार किया है।