Gyanesh Kumar: ज्ञानेश कुमार ने बुधवार को 26वें मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) के रूप में पदभार ग्रहण कर लिया। मतदाताओं को दिए अपने संदेश में उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए पहला कदम मतदान करना है।
New CEC Gyanesh Kumar: नवनियुक्त मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने बुधवार को कार्यभार संभाल लिया है। इसके साथ ही उनहोंने मतदाताओं को दिए अपने संदेश में कहा कि राष्ट्र निर्माण के लिए पहला कदम मतदान करना है। ज्ञानेश कुमार ने कहा है कि संविधान, चुनावी कानूनों और उसमें जारी नियमों के अनुसार, चुनाव आयोग हमेशा मतदाताओं के साथ खड़ा है। कुमार ने भारत के लोकतंत्र को मजबूत करने में मतदाताओं और राजनीतिक दलों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया और सभी मतदाताओं को शुभकामनाएं दीं।
मीडिया से बात करते हुए उन्होंने बताया कि राष्ट्र निर्माण के लिए पहला कदम मतदान करना है। इसलिए, भारत के हर नागरिक को जो 18 वर्ष की आयु पूरी कर चुका है, उसे मतदाता बनना चाहिए और हमेशा मतदान करना चाहिए। भारत के संविधान, चुनावी कानूनों, नियमों और उसमें जारी निर्देशों के अनुसार, भारत का चुनाव आयोग हमेशा मतदाताओं के साथ था, है और रहेगा।
ज्ञानेश कुमार 26 जनवरी 2029 तक सीईसी रहेंगे। उनके कार्यकाल में लगभग सभी बड़े राज्यों समेत 22 विधानसभा के चुनाव कराने का जिम्मा होगा।
आपको बता दें कि मंगलवार को अपने कार्यकाल के आखिरी दिन मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने अपनी ड्राइवर वाली आधिकारिक कार की पिछली सीट की बजाय एक एसयूवी की ड्राइवर सीट ली। हालांकि, कुमार के कार में बैठने के बाद एक कर्मचारी उन्हें डैशबोर्ड पर बटन लगाने में मदद करता हुआ दिखाई दिया। इसके बाद कुमार अपनी पत्नी के साथ यात्री सीट पर बैठकर चले गए। कुमार को मुख्य चुनाव आयुक्त-पदनामित ज्ञानेश कुमार और उनकी पत्नी के अलावा चुनाव आयुक्त सुखबीर सिंह संधू और चुनाव आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों ने विदा किया।
-मूलत: आगरा निवासी ज्ञानेश कुमार 1988 बैच के केरल कैडर के आइएएस रहे
-आइआइटी कानपुर से सिविल इंजीनियर
-संयुक्त गृह सचिव के रूप में अनुच्छेद 370 को खत्म करने, जम्मू-कश्मीर के विभाजन और तीन तलाक विरोधी विधेयक बनाने में भूमिका
-बतौर अतिरिक्त गृह सचिव अयोध्या में राम मंदिर के बारे में सुप्रीम कोर्ट में दस्तावेज पेश करने में भूमिका।
-सहकारिता सचिव पद से रिटायर, 15 मार्च 2024 से चुनाव आयुक्त
-चुनाव आयोग में चुनावी खर्च और वादों में पारदर्शिता के हिमायती तथा सोशल मीडिया के जरिये फर्जी नैरेटिव के खिलाफ। मानते हैं कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) से चुनाव संचालन में आ सकती है क्रांति।