बिहार की नई नीतीश सरकार की पहली कैबिनेट बैठक मंगलवार को हुई। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में 6 महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। सभी मंत्रियों ने बैठक में हिस्सा लिया।
बिहार विधानसभा चुनाव के बाद नीतीश कुमार (Nitish Kumar Cabinet Meeting) के नेतृत्व में बनी नई सरकार की पहली कैबिनेट बैठक हुई।
इसमें कुल छह प्रस्तावों को मंजूरी दी गई है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई इस बैठक में सभी मंत्रियों ने हिस्सा लिया।
बिहार कैबिनेट की पहली बैठक में राज्य में सुनियोजित एवं गुणवत्ता युक्त शहरी विकास के लिए 11 नए सैटेलाइट टाउनशिप या ग्रीनफील्ड टाउनशिप के विकास के सैद्धांतिक सहमति तथा प्रस्ताव तैयार करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है। इनमें नौ प्रमंडलीय मुख्यालय के अलावा सीतामढ़ी और सोनपुर को शामिल किया गया है।
बैठक में बिहार को पूर्वी भारत का नया टेक हब के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से कुछ अहम फैसले लिए गए हैं। जैसे कि प्रदेश में डिफेंस कॉरिडोर, सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग पार्क, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स, मेगा टेक सिटी और फिनटेक सिटी की स्थापना की जाएगी।
इसके तहत मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया जाएगा। इसमें विशेषज्ञों को परामर्श के रूप में शामिल किया जाएगा। समिति छह महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट देगी।
इसके अलावा, कैबिनेट की बैठक में राज्य में नए चीनी मिलों की स्थापना और पुराने बंद पड़े चीनी मिलों को फिर से खोलने के संबंध में नीति निर्धारण और कार्य योजना के लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय समिति के गठन करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई है।
कैबिनेट की बैठक में राज्य के प्रतिभाशाली उद्यमियों एवं युवाओं को राज्य अंतर्गत स्टार्टअप एवं अन्य न्यू एज इकोनॉमी प्रक्षेत्र के रोजगारोन्मुखी गतिविधियों को विस्तारित, प्रोत्साहित करने के लिए कार्य योजना के निर्माण करने एवं उसके क्रियान्वयन के लिए शीर्ष समिति के गठन की स्वीकृति दी गई है।
कैबिनेट की बैठक में बिहार को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करने के लिए बिहार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस मिशन की स्थापना की स्वीकृति दी गई है। इसके तहत प्रतिभावान व्यक्तियों और कंपनियों की सहायता ली जाएगी।
बिहार चुनाव में इस बार एनडीए को प्रचंड जीत मिली है। एनडीए ने 243 सीटों में से 202 सीटें जीतीं, जबकि विपक्षी महागठबंधन (आरजेडी-कांग्रेस) को मात्र 35 सीटें मिलीं।
यह एनडीए की 2010 के बाद सबसे बड़ी जीत है, जहां भाजपा को 89 सीटें, नीतीश कुमार की जेडीयू को 85, चिराग पासवान की एलजेपी-आरवी को 19, हम-एस को 5 और अन्य सहयोगियों को बाकी मिलीं।