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बिहार चुनाव के बाद फिर पलटी मारेंगे नीतीश कुमार, प्रशांत किशोर ने की भविष्यवाणी

Bihar Assembly Elections: प्रशांत किशोर ने दावा किया कि नीतीश कुमार बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव भाजपा के साथ गठबंधन में लड़ेंगे, लेकिन बाद में मुख्यमंत्री के रूप में एक और कार्यकाल की उम्मीद के साथ पाला बदल सकते हैं।

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Mar 05, 2025
जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर

Bihar Assembly Elections: बिहार में इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनी​तिक पार्टियों ने कमर कस ली है। इसी बीच चुनाव रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर बड़ा दावा किया है। पीके ने बुधवार को भविष्यवाणी की है कि जेडीयू अध्यक्ष नीतीश कुमार बिहार में आगामी विधानसभा चुनाव बीजेपी के साथ गठबंधन में लड़ेंगे, लेकिन बाद में मुख्यमंत्री के रूप में एक और कार्यकाल की उम्मीद के साथ पाला बदल सकते हैं।

'अगर गलत साबित हुआ तो मैं छोड़ दूंगा…'

जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने पश्चिम चंपारण जिले में कहा, 74 वर्षीय नेता इतने अलोकप्रिय हो गए हैं कि वे लगातार पांचवीं बार पद पर नहीं आ सकते, चाहे वह किसी भी गठबंधन का हिस्सा बनें। किशोर ने कहा कि विधानसभा चुनाव समाप्त होने के बाद नवंबर में कोई भी मुख्यमंत्री बन सकता है, सिवाय नीतीश कुमार के। आप मुझसे यह लिखित में ले सकते हैं। अगर मैं गलत साबित हुआ तो मैं अपना राजनीतिक अभियान छोड़ दूंगा।

बीजेपी के गठबंधन में चुनाव लड़ेंगे नीतीश कुमार

विधानसभा चुनाव और मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार की घोषणा को लेकर पूर्व चुनाव रणनीतिकार ने कहा कि नीतीश कुमार बीजेपी के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने पहले भी ऐसा ही किया है, 2025 के चुनाव को छोड़कर, जब मैंने उनके अभियान को संभला था।

पीएम मोदी और अमित शाह को दी ये चुनौती

प्रशांत किशोर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को चुनौती देते हुए कहा कि वे ऐलान करें कि चुनाव के बाद अगर एनडीए सत्ता में आती है तो नीतीश कुमार पूरे पांच साल के लिए मुख्यमंत्री बनेंगे। अगर वे ऐसा करते हैं तो बीजेपी को सीटें जीतना मुश्किल हो जाएगा।

बीजेपी से चुनाव लड़कर फिर पलटी मारेंगे नीतीश कुमार

किशोर ने भविष्यवाणी कि नीतीश कुमार को जब यह पता चल जाएगा कि बीजेपी उन्हें एक और कार्यकाल के लिए समर्थन नहीं देने वाली है, तो वे पाला बदलने की कोशिश कर सकते हैं। लेकिन जेडीयू द्वारा जीती गई सीटों की संख्या इतनी निराशाजनक होगी कि उन्हें शीर्ष पद नहीं मिलेगा, चाहे वे किसी भी गठबंधन में शामिल हों।

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