Operation Sindoor Debate in Lok Sabha: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा भारत की कार्रवाई न तो उकसावे वाली थी और न ही विस्तारवादी, बल्कि पूरी तरह से "आत्मरक्षा" में थी।
Parliament Monsoon Session: लोकसभा में सोमवार को पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर बहस की शुरुआत रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने की। इस दौरान विपक्ष द्वारा लंबे समय से उठाए जा रहे सवाल का भी रक्षामंत्री ने जवाब दिया। विपक्ष द्वारा लगातार सवाल उठाया जा रहा था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने पाकिस्तान पर अपने हमले क्यों रोके। इस सवाल का जवाब देते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि भारत अपने लक्ष्य को हासिल कर चुका था।
लोकसभा में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि 22 अप्रेल को पहलगाम हमले के बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया था। उन्होंने कहा कि हमारे सशस्त्र बलों ने कार्रवाई की और पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिसमें 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए।
उन्होंने कहा कि भारत की कार्रवाई न तो उकसावे वाली थी और न ही विस्तारवादी, बल्कि पूरी तरह से "आत्मरक्षा" में थी। फिर भी, 10 मई, 2025 को लगभग 1:30 बजे, पाकिस्तान ने मिसाइलों, ड्रोन, रॉकेट और अन्य लंबी दूरी के हथियारों का इस्तेमाल करके भारत पर बड़े पैमाने पर हमला किया।"
लोकसभा में बोलते हुए रक्षामंत्री ने कहा कि आज का भारत अलग तरह से सोचता है और अलग तरह से काम करता है। हमारा मानना है कि जब आपका विरोधी आतंकवाद को अपनी रणनीति बना चुका हो और बातचीत की भाषा न समझता हो, तो अडिग रहना और निर्णायक होना ही एकमात्र विकल्प है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा-युद्ध उन लोगों के खिलाफ किया जाना चाहिए जो हमारे समान स्तर पर हैं। गोस्वामी तुलसीदास कहते हैं कि प्रेम और शत्रुता समान स्तर पर होनी चाहिए। अगर कोई शेर मेंढक को मार देता है, तो यह बहुत अच्छा संदेश नहीं देता है। हमारे सशस्त्र बल शेर हैं।
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले को अमानवीयता की चरम सीमा बताते हुए कहा कि हमलावरों ने लोगों की पहचान उनके धर्म के आधार पर की और उन्हें निशाना बनाया।
रक्षामंत्री ने कहा कि हमारे देश की माताओं और बहनों के सिंदूर का सेना ने बदला लिया है। यह सिंदूर अब सिर्फ एक प्रतीक नहीं, बल्कि शौर्य की गाथा बन चुका है।