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‘लोकतंत् र’ खतरे में है’, संसद में प्रदर्शन के दौरान INDIA गठबंधन से हुई गलती, BJP ने उड़ाया मजाक

बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी इस पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को दोष नहीं दिया जा सकता।

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भारत

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Ashib Khan

Jul 24, 2025

विपक्ष के प्रदर्शन में बैनर में वर्तनी की हुई गलती (Photo-X)

संसद भवन के बाहर गुरुवार को इंडिया गठबंधन के सांसदों ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के खिलाफ प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन के दौरान सांसदों ने कई पोस्टर और बैनर भी लहराए। हालांकि इस प्रदर्शन के दौरान विपक्ष से एक गलती हो गई, जिसकों लेकर बीजेपी ने विपक्ष का जमकर मजाक उड़ाया है। दरअसल, प्रदर्शन के दौरान विपक्ष जिस पोस्टर को लेकर प्रदर्शन कर रहे था उस पर ‘लोकतंत्र’ की जगह ‘लोकतंत् र’ लिखा हुआ था।

बीजेपी ने कसा तंज

प्रदर्शन के दौरान विपक्ष द्वारा गलत वर्तनी वाले बैनर दिखाने पर बीजेपी ने तंज कसा है। बीजेपी ने कहा कि जो लोग लोकतंत्र सहीं से नहीं लिख सकते है, वह लोग भी लोकतंत्र पर ज्ञान दे रहे है। BJP के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर लिखा- “लोकतंत्र होता है, ‘लोकतंत र’ नहीं!”। 

कांग्रेस को दोष नहीं दिया जा सकता-बीजेपी प्रवक्ता

बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी इस पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को दोष नहीं दिया जा सकता। वे न तो लोकतंत्र को लिख सकते हैं और न ही बचा सकते हैं। वे परिवार तंत्र और आपातकाल में विश्वास करते हैं। निश्चित रूप से वे इसे लिख और बचा सकते हैं।

कौन-कौन नेता था शामिल

बता दें कि संसद के बाहर आयोजित प्रदर्शन में कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, के.सी. वेणुगोपाल समेत विपक्ष के तमाम बड़े नेता शामिल थे। 

सांसदों ने लगाए नारे

प्रदर्शन के दौरान सांसदों ने जमकर नारेबाजी भी की और एक बड़ा बैनर प्रदर्शित किया, जिस पर लिखा था, “SIR- लोकतंत र पर वार”। यह बैनर विपक्ष की ओर से सरकार और चुनाव आयोग पर हमला बोलने का एक प्रतीकात्मक प्रयास था। लेकिन ‘लोकतंत्र’ की गलत वर्तनी ने BJP को विपक्ष पर तंज कसने का मौका दे दिया।

लोगों ने दिए रिक्शन

सोशल मीडिया पर लोगों ने इसको लेकर तरह-तरह के रिएक्शन भी दिए है। एक्स पर एक यूजर ने लिखा- त्+र = त्र होता है। जरा दो अक्षर पढ़ लेते तो ज्ञान होता न। वहीं एक अन्य यूजर ने लिखा- बीजेपी  आईटी  सेल के प्रमुख  ने  एन सी ई आर टी की प्राथमिक की हिंदी की किताब ही पढ़ ली होती . उसे पता होता कि आधे 'त' में 'र' मिलने से 'त्र' बनता है.  नीचे  लगे डंडे को "हलन्त" कहते हैं जो व्यंजन  के "आधे का उच्चारण" होता हैं . अब कोई संघी गधा  व्यंजन को  मुह  के स्वाद से न जोड़ ले।