भारतीय सेना में अग्निवीरों का रिटेंशन रेट बढ़ाने के प्रस्ताव पर जल्द मुहर लग सकती है। वर्तमान में रिटेंशन रेट 25 फीसदी है, जोकि आगे बढ़कर 75 फीसदी करने का प्लान है।
भारतीय सेना में जाने का सपना देखने वाले युवाओं के लिए जल्द ही खुशखबरी आ सकती है। भारतीय सेना अग्निवीरों का रिटेंशन रेट 25 प्रतिशत से बढ़कर 75 प्रतिशत करने की योजना बना रही है। इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक आज राजस्थान के जैसलमेर में सेना के कमांडरों का सम्मेलन शुरू हो रहा है। इसमें अग्निवीरों के रिटेंशन रेट को बढ़ाने का प्रस्ताव रखा जाएगा। इसका मतलब है कि पहले 100 में से 25 अग्निवीरों को सेना में लिया जाता था, मगर अब 100 में से 75 अग्निवीरों को नौकरी मिलेगी।
वहीं, अग्निवीरों का पहला बैच अगले साल अपना चार साल का कार्यकाल पूरा करेगा। इसलिए इस प्रस्ताव पर जल्द ही मुहर लगने की संभावना है। इसके साथ ही, इस सम्मेलन में तीनों सेनाओं (जल, थल और वायु) के बीच एकजुटता के उपाय बढ़ाने और मिशन सुदर्शन चक्र की समीक्षा की जाएगी। मई 2025 में ऑपरेशन सिंदूर के बाद सेना के कमांडरों का पहला सम्मेलन होगा। जो समग्र सुरक्षा स्थिति की समीक्षा और उभरती चुनौतियों से निपटने का मंच बनेगा। जैसलमेर बैठक इस वर्ष के दूसरे सेना कमांडर सम्मेलन के दूसरे चरण का है। पहला चरण इस महीने की शुरुआत में दिल्ली में आयोजित किया गया था।
पूर्व सैनिकों की बढ़ती संख्या को देखते हुए उनके अनुभव का लाभ उठाने के विकल्प चर्चा में हैं। वर्तमान में वे आर्मी वेलफेयर एजुकेशन सोसाइटी (AWES) और ईसीएचएस पॉलीक्लिनिक्स जैसी सीमित भूमिकाओं में हैं, लेकिन अब विभिन्न संरचनाओं में व्यापक भागीदारी पर विचार हो रहा है। सेवारत सैनिकों के कार्मिक, कल्याण मुद्दों पर भी बहस होगी। तीनों सेनाओं के बीच एकजुटता मजबूत करने के कदमों पर जोर दिया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि अग्निवीर प्रस्ताव पर सहमति बन चुकी है, जो युवाओं में सेना जॉइनिंग को प्रोत्साहित करेगा। सम्मेलन सेना के वरिष्ठ नेतृत्व को रणनीतिक दिशा देगा।