Bihar Politics बिहार चुनाव में मुस्लिम वोटों के बंटवारे को लेकर प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने नया दांव खेला है। जन सुराज पार्टी, जहां राजद (RJD) के मुस्लिम उम्मीदवार हैं, वहां उम्मीदवार नहीं उतारेगी। तेजस्वी यादव से भी यही रणनीति अपनाने की अपील करते हुए पीके ने कहा कि इससे भाजपा को हराने में मदद मिलेगी। राजद ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।
जनसुराज (Jan Suraaj Party) पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) ने बिहार विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) में मुस्लिम उम्मीदवारों को जीत दिलाने के लिए धांसू प्लान बनाया है। उन्होंने बुधवार को गया में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बड़ी घोषणा कर दी।
प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज पार्टी उन सीटों पर मुस्लिम कैंडिडेट (Muslim Candidate In Bihar) नहीं उतारेगी, जहां राजद (RJD) के उम्मीदवार भी अल्पसंख्यक समुदाय से होंगे। साथ ही, उन्होंने तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के नेतृत्व वाली पार्टी से भी इसी तरह की रणनीति अपनाने की अपील की है।
गया में प्रशांत किशोर मुस्लिम वोटों के बंटवारे पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे। इस दौरान, उन्होंने कहा कि अगर राजद को मुसलमानों की इतनी चिंता है, तो उन्हें घोषणा करनी चाहिए कि वे उन सीटों पर मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारेंगे जहां हम मुस्लिम उम्मीदवार उतारेंगे।
पीके ने आगे कहा कि मैंने एकतरफा घोषणा की है कि जेएसपी राजद के मुस्लिम उम्मीदवारों के खिलाफ मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारेगी। अगर राजद वास्तव में भाजपा को हराना चाहती है, तो उसे ऐसा करना होगा।
उधर, राजद ने भी प्रशांत किशोर के बयान पर प्रतिक्रिया दी। पार्टी के एक प्रवक्ता ने कहा कि हमारा शीर्ष नेतृत्व किसी न किसी बहाने ध्यान आकर्षित करने की कोशिश करने वाली पार्टी को ज्यादा महत्व नहीं देता।
हाल ही में तेजस्वी ने भी जन सुराज पर तंज कसते हुए था कि ऐसी पार्टी के बारे में बहुत ज्यादा चर्चा हो चुकी है जिसका न तो कोई सांसद है और न ही कोई विधायक।
बता दें कि प्रशांत किशोर की पार्टी ने पहले घोषणा की थी कि वह मुस्लिम और अति पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) उम्मीदवारों को उनकी आबादी के अनुपात में मैदान में उतारेगी।
बिहार में मुसलमानों की आबादी लगभग 17 प्रतिशत है। किशनगंज, अररिया, कटिहार और पूर्णिया में उनकी संख्या अधिक है। जबकि दरभंगा, मधुबनी, रोहतास, नालंदा, पटना, मुंगेर और भागलपुर में भी उनकी अच्छी खासी संख्या है। इसके अलावा, बिहार में अति पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) की आबादी 36 प्रतिशत है, जिसमें 10।5 प्रतिशत मुस्लिम हैं।