पंजाब में बाढ़ के हालात दिन पर दिन बिगड़ते जा रहे है। यहां पटियाला जिले की घग्गर नदी लगातार खतरे के निशान से ऊपर बह रही है जिसके चलते आस पास के इलाकों को खाली करा लिया गया है।
पंजाब में इन दिनों बाढ़ ने भारी तबाही मचा रखी है। राज्य के हजारों गावों और लाखों परिवार इस बाढ़ की चपेट में आकर पूरी तरह से बर्बाद हो गए है। लोगों के घर, उनकी संपत्ति और उनकी फसलें सब कुछ इस बाढ़ के पानी के साथ बह कर चला गया है और चारों तरफ हाहाकार मचा हुआ है। प्रसाशन युद्ध स्तर पर बचाव कार्य कर रहा है और फंसे हुए लोगों को बचाने के साथ प्रभावित लोगों तक राहत पहुंचान का कार्य तेजी से चल रहा है। लेकिन लगता है कि अभी प्रदेश की मुश्किलें रुकने वाली नहीं हैं, क्योंकि लगातार हो रही तेज बारिश से पटियाला जिले में मौजूद घग्गर नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ने लगा है जो कि एक अच्छा संकेत नहीं है।
घग्गर नदी लगातार खतरे के निशान से ऊपर बह रही जो कि पटियाला के लिए एक बड़ी मुश्किल का संकेत है। नदी में उफान के चलते आस पास के सैंकड़ों एकड़ में फैली फसलें जलमग्न हो गई है। पटियाला जिला प्रशासन ने देवीगढ़, घनौर, सनौर और पटरान में नदी किनारे बसे 78 गांवों में अलर्ट जारी कर दिया है। हालांकि प्रशासन का कहना है कि अभी तक तटबंध का कोई कटाव नहीं हुआ है, लेकिन बुधवार को अलर्ट जारी किया गया है कि यह तटबंध कभी भी टूट सकता है। सुरक्षा की नजर से घग्गर नदी के पास बसे 21 गांवों के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की सलाह दी गई है।
प्रशासन अपने स्तर पर इस आपदा से निपटने का हर प्रयास कर रहा है। गांव सराला कलां स्थित गुरुद्वारा साहिब में सेना, जिला प्रशासन और एनडीआरएफ की संयुक्त टीमों ने एक कैंप स्थापित किया है, जहां से अधिकारी 24 घंटे घग्गर नदी और अन्य सहायक नालों की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। लेकिन स्थानीय लोगों में सरकार के खिलाफ भारी आक्रोश है। लोगों का कहना है पिछले कई सालों से बाढ़ से बचाव के लिए सरकार द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए है। इसी वजह से हर साल उनकी सैकड़ों एकड़ फसल बर्बाद हो जाती है और उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
चमारू गांव के लोगों ने सरकार की लापरवाही पर सवाल उठाते हुए कहा कि, हमारे गांव की तरफ कोई भी विधायक या सरकार का नुमाइंदा नहीं आता है। जो भी नेता दूसरी तरफ आता है, वीडियो बनाकर और फोटो खींचकर चला जाता है। 20 के करीब गांव इस इलाके में हैं, जो प्रभावित हुए हैं। यहां लगातार पानी बढ़ रहा है, लेकिन प्रशासन कहीं नजर नहीं आता है। गांववासियों ने बताया कि उन्होंने अपना जरूरी सामान, जिसमें अनाज आदि शामिल हैं, सुरक्षित और ऊंची जगहों पर रखना शुरू कर दिया है, क्योंकि पानी का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है।