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राहुल गांधी ने लोकसभा सचिवालय को बताया छोड़ रहे वायनाड सीट, लेकिन बने रहेंगे सांसद 

New Delhi: राहुल गांधी ने सोमवार शाम वायनाड सीट छोड़ने की घोषणा की थी। जिसकी जानकारी उन्होंने आज लोकसभा सचिवालय को दी।

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कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मंगलवार को लोकसभा अध्यक्ष के कार्यालय में वायनाड लोकसभा सीट छोड़ने की औपचारिक सूचना दी। जानकारी के मुताबिक उन्होंने इसके लिए लोकसभा अध्यक्ष कार्यालय को एक पत्र दिया है। राहुल गांधी ने लोकसभा के लिए उत्तर प्रदेश की रायबरेली और केरल की वायनाड सीट से चुनाव लड़ा था। वह दोनों ही सीटों से चुनाव जीते हैं। ऐसे में नियमों के मुताबिक उन्हें दोनों में से एक सीट छोड़नी थी। राहुल गांधी ने रायबरेली सीट से सांसद बने रहने का निर्णय लिया है और वायनाड सीट छोड़ दी है।

वायनाड से चुनाव लड़ेंगी प्रियंका

राहुल गांधी ने सोमवार शाम वायनाड सीट छोड़ने की घोषणा की थी। इसके बाद कांग्रेस पार्टी ने प्रियंका गांधी वाड्रा को वायनाड से अपना उम्मीदवार बनाने का निर्णय लिया है। यह प्रियंका गांधी वाड्रा का पहला लोकसभा चुनाव होगा। वह केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर उपचुनाव लड़ेंगी।

वायनाड की जनता से किया वादा पूरा करेंगे- राहुल

अपने निर्णय पर राहुल गांधी का कहना था कि वह पिछले पांच साल से वायनाड के सांसद हैं। वायनाड के लोगों और सभी राजनीतिक दलों ने उन्हें बहुत प्रेम दिया। वायनाड से प्रियंका चुनाव लड़ रही हैं, लेकिन वह खुद भी वायनाड आते रहेंगे। वायनाड की जनता से जो वादे किए हैं, उन्हें वह जरूर पूरा करेंगे। अब वायनाड को एक तरह से दो प्रतिनिधि मिल रहे हैं एक प्रियंका और दूसरा मैं।

रायबेली से रिश्ता बना रहेगा

वायनाड से पहला लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर प्रियंका गांधी ने कहा कि वह काफी प्रसन्न हैं। रायबरेली के साथ उनका पुराना रिश्ता है। मैं 20 सालों से रायबरेली में काम कर रही हूं। यह रिश्ता कभी टूट नहीं सकता, मैं अपने भाई के साथ रायबरेली में भी मौजूद रहूंगी। प्रियंका गांधी वायनाड लोकसभा सीट से चुनाव जीत जाती हैं, तो कांग्रेस पार्टी की ओर से नेहरू-गांधी परिवार के तीन सदस्य संसद में होंगे। राहुल और प्रियंका जहां लोकसभा में नजर आएंगे, वहीं सोनिया गांधी पहले ही राज्यसभा की सदस्य चुनी जा चुकी हैं।

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