मोहन भागवत ने कहा- भले ही यह मुश्किल है, लेकिन ज़्यादा से ज़्यादा सुरक्षा के लिए, वहां के हिंदुओं को एकजुट रहना होगा। दुनिया भर के हिंदुओं को उनकी मदद करनी चाहिए।
Bangladesh Hindus persecution: आरएसएस चीफ मोहन भागवत अपने चार दिवसीय बंगाल दौरे पर हैं। रविवार को उन्होंने कोलकाता के साइंस सिटी सभागार में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान भागवत ने कई मुद्दों पर अपनी बात रखी। पड़ोसी देश बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार को लेकर भी उन्होंने प्रतिक्रिया दी। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वहां के हिंदुओं को एकजुट रहना होगा।
मोहन भागवत ने हिंदुओं पर हो रही हिंसा को लेकर कहा कि वहां हिंदू अल्पसंखक हैं, और हालात काफी मुश्किल हैं। भले ही यह मुश्किल है, लेकिन ज़्यादा से ज़्यादा सुरक्षा के लिए, वहां के हिंदुओं को एकजुट रहना होगा। दुनिया भर के हिंदुओं को उनकी मदद करनी चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि हमें अपनी लिमिट में, जितना हो सके, उनकी मदद करनी चाहिए। हमें वह सब कुछ करना है जो हम कर सकते हैं, और हम कर रहे हैं। हिंदुओं के लिए एकमात्र देश भारत है। भारत सरकार को इस पर ध्यान देना होगा। उन्हें कुछ करना होगा। हो सकता है वे पहले से ही कुछ कर रहे हों। कुछ बातें बताई जाती हैं, कुछ नहीं। कभी-कभी नतीजे मिलते हैं, कभी नहीं। लेकिन कुछ तो करना ही होगा।
वहीं इस दौरान उन्होंने विधायक हुमायूं कबीर द्वारा मुर्शिदाबाद में बाबरी मस्जिद की नींव रखने को लेकर भी बयान दिया। RSS चीफ ने कहा कि अब, बाबरी मस्जिद को फिर से बनाकर विवाद को फिर से शुरू करने की यह एक पॉलिटिकल साजिश है। यह वोटों के लिए किया जा रहा है; यह न तो मुसलमानों के फायदे के लिए है और न ही हिंदुओं के लिए, ऐसा नहीं होना चाहिए।
जब उनसे पूछा गया कि क्या सरकारी पैसे से धार्मिक जगहें बनाना सही है, तो उन्होंने कहा, "सरकार को मंदिर या कोई भी धार्मिक जगह नहीं बनानी चाहिए। यही नियम है। सोमनाथ मंदिर बना था। उस समय सरदार वल्लभभाई पटेल होम मिनिस्टर थे। प्रेसिडेंट इसके उद्घाटन में आए थे, लेकिन सरकारी पैसे का इस्तेमाल नहीं हुआ। राम मंदिर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बना था। सरकार से ट्रस्ट बनाने के लिए कहा गया था, और उन्होंने बनाया। सरकार ने पैसे नहीं दिए। हम सबने कंट्रीब्यूट किया।"