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तीन दिन दिल्ली में रहेंगे RSS चीफ मोहन भागवत, मिलने वालों की कतार में नेता-अफ़सर-जज, सब शामिल

RSS का आज से तीन दिवसीय कार्यक्रमों की श्रंखला की शुरुआत हो रही है। इसमें संघ प्रमुख मोहन भागवत अपना आख्यान देंगे। भगावत से मिलने वालों में नेता-अफ़सर-जज, सब शामिल हैं। पढ़िए पूरी खबर...

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Aug 26, 2025
दिल्ली में RSS का तीन दिवसीय कार्यक्रम (फोटो- X अकांउट से सरसंघचालक मोहन भागवत फोटो )

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की ओर से संगठन के सौ साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आज से तीन दिवसीय से कार्यक्रमों की शृंखला शुरू हो रही है। इसी कड़ी में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत मंगलवार से यहां विज्ञान भवन में तीन दिनों तक देश की प्रमुख हस्तियों को संबोधित कर न केवल संगठन की सोच बताएंगे, बल्कि शताब्दी वर्ष का एजेंडा भी सेट करेंगे।

इस कार्यक्रम के लिए संघ ने अमरीका, ब्रिटेन, जर्मनी, जापान, नेपाल, सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, दक्षिण अफ्रीका और मुस्लिम देशों सहित 50 से अधिक देशों के राजदूतों को आमंत्रित किया है। कई अन्य देश शामिल हैं। इन देशों को 26 से 28 अगस्त के बीच नई दिल्ली में आयोजित होने वाले अपने शताब्दी वर्ष व्याख्यान शृंखला में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।

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2000 लोगों का होगा जुटान

आरएसएस ने संगठन के अपने बौद्धिक और सांस्कृतिक पक्ष को दुनिया के सामने रखने के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया है। इसमें नेता, उद्योगपति, सामाजिक कार्यकर्ता, मीडिया मालिक सहित 17 से अधिक क्षेत्रों के लोगों को आमंत्रित किया गया है। इस प्रमुख कार्यक्रम में लगभग 2,000 लोगों के जुटने की संभावना है।

भाजपा सहयोगियों को बुलाया

संघ ने दूसरे दलों से आए और एनडीए सहयोगी दलों के नेताओं को इस अहम कार्यक्रम में बुलाया है। इसमें केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, रवनीत सिंह बिट्टू, अपना दल मुखिया और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल, टीडीपी नेता और केंद्रीय मंत्री राममोहन नायडू, जदयू नेता केसी त्यागी, संजय झा के केसी त्यागी और संजय झा प्रमुख रूप से शामिल हैं। वहीं, न्यायाधीशों को भी न्योता दिया गया है।

विपक्षी नेताओं से भी संपर्क साधने की कही थी बात

RSS के प्रचार प्रभारी सुनील आंबेकर ने कुछ दिनों पहले सम्मेलन को लेकर कहा था कि हम अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों के अलावा समाज के सभी वर्गों, समुदायों और विचारधारा के लोगों को आमंत्रित कर रहे हैं। हम विपक्षी नेताओं को भी बुलाने के लिए संपर्क साध रहे हैं।

आंबेकर ने कहा कि संघ ने अपनी 100 साल की यात्रा में समाज के हर तबके तक पहुंचने की कोशिश की है। संघ ने हमेशा यह विचार देने की कोशिश की है कि उसकी विचारधारा अलग नहीं है, बल्कि भारत की स्थापित परंपराओं में निहित है। आंबेकर ने कहा कि आरएसएस का दृष्टिकोण राष्ट्र की प्रगति के लिए सभी के साथ मिलकर काम करना है और संगठन चाहता है कि विकास की इस यात्रा में पूरा देश एक साथ आगे बढ़े।

Published on:
26 Aug 2025 11:39 am
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