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क्या आंगनवाड़ी महिला वर्कर्स को मिल सकता है दोगुना मानदेय? सोनिया गांधी ने संसद में उठाया मुद्दा

Soniya Gandhi on Anganwadi Workers: सोनिया गांधी ने राज्यसभा में आंगनवाड़ी और आशा वर्कर्स के मुद्दों को उठाया है। उन्होंने इन महिलाओं के साहस और निस्वार्थ योगदान के प्रति अपनी संवेदनाओं को जाहिर करते हुए उनके मानदेय को दोगुना करने की मांग की।

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Dec 16, 2025
सोनिया गांधी ने आंगनवाड़ी वर्कर्स के मानदेय को बढ़ाकर दोगुना करने की मांग की (Photo-IANS)

Anganwadi workers: कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मंगलवार को राज्यसभा में आंगनवाड़ी महिला वर्कर्स के अधिकारों का मुद्दा उठाया है। साथ ही उन्होंने आशा कार्यकर्ता और सहायिकाओं की भी बात रखी है। सोनिया गांधी ने इन महिला कार्यकर्ताओं के योगदान पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ये महिलाएं सरकार की योजनाओं को जमीनी स्तर पर लागू कराने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देती हैं, लेकिन इनको उतना मानदेय नहीं मिलता है, जितना इनके योगदान के लिए दिया जाना चाहिए है। सोनिया गांधी ने कहा कि इन महिलाओं को मिलने वाला कम मानदेय को बढ़ाकर दोगुना करना चाहिए।

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बढ़ती महंगाई में मिल रहा कम वेतन

सोनिया गांधी ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की स्थिति पर भी गहरी चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को मात्र 4,500 रुपये प्रतिमाह दे रही है। साथ ही सहायिकाओं को भी मात्र 2,250 रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जाता है। उन्होंने कहा कि इस बढ़ती महंगाई में इतने कम मानदेय से कैसे गुजारा होगा? साथ ही यह मानदेय उनके कार्यभार के हिसाब से भी बहुत कम है। इसलिए सोनिया गांधी ने सरकार से मानदेय को बढ़ाकर दोगुना करने की मांग की है।

खाली पदों को भरना जरूरी

कम मानदेय के अलावा सोनिया गांधी ने एकीकृत बाल विकास सेवा में बड़े पैमाने पर मौजूद खाली पदों का भी मुद्दा उठाया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में एकीकृत बाल विकास सेवा के अंतर्गत विभिन्न स्तरों पर लगभग तीन लाख पद खाली पड़े हुए हैं। इसके कारण देशभर में लाखों बच्चों और माताओं को पोषण, स्वास्थ्य और प्रारंभिक देखभाल जैसी आवश्यक सेवाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि जब ये पद भरे भी जाते हैं, तब भी वे जनसंख्या मानकों के हिसाब से नहीं होते हैं।

सीमित सुरक्षा में काम करने को मजबूर

सोनिया गांधी ने आंगनवाड़ी और आशा वर्कर्स की परेशानियों को व्यक्त करते हुए कहा कि ये वर्कर्स सीमित मानदेय पाकर भी काम का अत्यधिक बोझ झेलती हैं। साथ ही सीमित सामाजिक सुरक्षा के साथ काम करने को भी मजबूर होती हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को राज्यों के साथ मिलकर सभी मौजूदा खाली पदों को जल्दी भरना चाहिए। साथ ही सभी कर्मियों को समय पर मानदेय मिलना चाहिए।

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Published on:
16 Dec 2025 03:10 pm
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