राष्ट्रीय

कश्मीर के टूरिस्टों पर पहली बार नहीं हुआ हमला, देखें पूरा इतिहास, जब पर्यटक बने निशाना

Terror Attack on Tourists in Pahalgam: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक बार फिर आतंक हुआ है। यह कोई पहला मौका नहीं है जब जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों को आतंक का निशाना बनाया गया हो। पिछले तीन दशकों से आतंकवादियों ने कई बार निर्दोष पर्यटकों, श्रद्धालुओं और स्थानीय नागरिकों की जान ली है।

3 min read
Apr 22, 2025

Terror Attack on Tourists in Pahalgam: जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पहलगाम में एक बार फिर आतंक की काली छाया नजर आई है। मंगलवार को आतंकवादियों ने पर्यटकों को निशाना बनाकर फायरिंग की, जिसमें एक पर्यटक की मौत हो गई और आठ अन्य घायल हो गए। मृतक की पहचान बिहार के निवासी के रूप में हुई है। घायलों को श्रीनगर के अस्पतालों में भर्ती कराया गया है, जहां कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।

लश्कर-ए-तैयबा ने ली हमले की जिम्मेदारी

हमले की जिम्मेदारी प्रतिबंधित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा ने ली है। इस हमले के बाद सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर लिया है और सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। घटना की गंभीरता को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से टेलीफोन पर बात कर हालात की जानकारी ली। गृहमंत्री शाह स्थिति की समीक्षा के लिए जल्द ही जम्मू-कश्मीर पहुंच सकते हैं।

पर्यटकों को पहले भी बनाया जा चुका है निशाना

यह कोई पहला मौका नहीं है जब जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों को आतंक का निशाना बनाया गया हो। राज्य में पिछले तीन दशकों से आतंकवाद की लहर ने कई बार निर्दोष पर्यटकों, श्रद्धालुओं और स्थानीय नागरिकों की जान ली है। आइए नजर डालते हैं ऐसे कुछ बड़े आतंकी हमलों पर जिनमें पर्यटक या तीर्थयात्री निशाना बने:

जम्मू-कश्मीर में पर्यटकों पर हुए प्रमुख आतंकी हमले

18 मई 2024: श्रीनगर में आतंकियों ने राजस्थान के जयपुर से आए एक दंपति को फायरिंग में घायल कर दिया। यह हमला श्रीनगर के डलगेट इलाके में हुआ था।

9 जून 2024: रियासी जिले में तीर्थयात्रियों से भरी एक बस पर आतंकियों ने अंधाधुंध गोलीबारी की। इस हमले में 9 लोगों की मौत और 33 घायल हुए थे। इस हमले को भी लश्कर से जुड़े आतंकी समूह ने अंजाम दिया था।

14 नवंबर 2005: श्रीनगर के लाल चौक स्थित एक सिनेमा हॉल के पास हुए आत्मघाती हमले में चार लोगों की मौत हो गई थी। मरने वालों में दो सीआरपीएफ जवान शामिल थे, जबकि हमले में एक जापानी पर्यटक समेत 17 लोग घायल हुए थे।

4 जुलाई 1995: पहलगाम के लिद्दरवाट क्षेत्र में आतंकी संगठन हरकत-उल-अंसार ने छह विदेशी पर्यटकों और दो गाइड्स का अपहरण किया। अगवा किए गए लोग अमेरिका, ब्रिटेन, नॉर्वे और जर्मनी के नागरिक थे। आतंकियों ने बाद में एक पर्यटक की हत्या कर दी थी।

20 जुलाई 2001: अमरनाथ यात्रा के दौरान गुफा मंदिर के पास तीर्थयात्रियों के कैंप पर हमला किया गया, जिसमें 13 लोगों की मौत और 15 लोग घायल हुए। मरने वालों में तीन स्थानीय नागरिक और दो सुरक्षाकर्मी भी शामिल थे।

1-2 अगस्त 2000: कश्मीर घाटी के अनंतनाग और डोडा जिले में आतंकियों ने अमरनाथ यात्रा पर निकले श्रद्धालुओं को निशाना बनाया। इन हमलों में 100 से अधिक लोगों की जान गई। विशेष रूप से पहलगाम के नुनवान बेस कैंप पर हुए हमले में 21 तीर्थयात्रियों, 7 स्थानीय दुकानदारों और 3 सुरक्षा कर्मियों की हत्या की गई थी।

इन घटनाओं से साफ है कि आतंकियों का मकसद घाटी में पर्यटन और धार्मिक गतिविधियों को बाधित करना है। इससे न सिर्फ आर्थिक नुकसान होता है बल्कि जम्मू-कश्मीर की छवि पर भी गहरा प्रभाव पड़ता है। हालिया हमले के बाद केंद्र सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के लिए यह एक चेतावनी है कि घाटी में पर्यटकों और यात्रियों की सुरक्षा को और मजबूत करने की जरूरत है। साथ ही, यह समय है कि आतंकी नेटवर्क को खत्म करने के लिए और कड़े कदम उठाए जाएं।

Updated on:
23 Apr 2025 02:23 pm
Published on:
22 Apr 2025 08:04 pm
Also Read
View All

अगली खबर