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ट्रंप-पुतिन की अलास्का मीटिंग: यूक्रेन युद्ध पर शांति की कोशिश या नया वैश्विक समीकरण ?

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Aug 15, 2025
अमेरिकी प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन। (फोटो: वाशिंगटन पोस्ट.)

Trump Putin Alaska Summit Ukraine Deal: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ( Donald Trump) और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ( Putin) ने शुक्रवार को अलास्का में एक महत्वपूर्ण शिखर सम्मेलन (Trump Putin Summit) में मुलाकात की। यह मीटिंग अमेरिका के शीत युद्ध काल (Ukraine Ceasefire Talks) के सैन्य अड्डे पर हुई। इस वार्ता में यूक्रेन युद्ध को लेकर संभावित युद्धविराम और परमाणु हथियार नियंत्रण (US Russia Nuclear Deal) पर चर्चा की गई। व्हाइट हाउस ( White House) में दोबारा वापसी के बाद ट्रंप और पुतिन की यह पहली आमने-सामने मुलाकात है। यह वार्ता ऐसे समय हो रही है जब यूरोपीय देशों और यूक्रेन को आशंका है कि ट्रंप रूस के साथ किसी भी सौदे में कीव को दरकिनार कर सकते हैं।

ट्रंप की शांति योजना और पुतिन की रणनीति

ट्रंप कई बार यह दावा कर चुके हैं कि वह यूक्रेन युद्ध को केवल 24 घंटे में खत्म कर सकते हैं। लेकिन इस बार उन्होंने खुद माना कि यह संघर्ष पहले से कहीं अधिक जटिल साबित हुआ है। उन्होंने संकेत दिया कि यदि पुतिन से बातचीत सफल रही तो वह यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की को साथ लेकर एक त्रिपक्षीय बैठक की योजना बना सकते हैं।

परमाणु हथियारों पर भी हो सकती है डील

पुतिन ने भी शिखर सम्मेलन से एक दिन पहले संकेत दिए कि वे एक नया परमाणु हथियार नियंत्रण समझौता चाहते हैं। मौजूदा समझौता अगले वर्ष फरवरी में खत्म हो जाएगा, और पुतिन इसे एक अवसर के रूप में देख रहे हैं कि रूस और अमेरिका फिर से बातचीत की टेबल पर लौटें।

यूक्रेन और सहयोगियों की चिंता

यूक्रेन और उसके पश्चिमी सहयोगी ट्रंप की इस मीटिंग को लेकर चिंतित हैं। उन्हें डर है कि रूस को ज़मीन या रणनीतिक छूट देकर यह समझौता उनकी सुरक्षा के लिए खतरा बन सकता है। हालांकि, ज़ेलेंस्की ने कहा है कि ट्रंप ने निजी बातचीत में भरोसा दिया है कि किसी भी ज़मीन के बदले की डील में यूक्रेन को शामिल किया जाएगा।

विरोध और राजनीतिक संदेश

अलास्का में शिखर सम्मेलन के दौरान कुछ प्रदर्शन भी हुए, खासकर यूक्रेन समर्थक समूहों की ओर से। लोगों ने ट्रंप से मांग की कि वे यूक्रेन के हितों की अनदेखी न करें। वहीं ट्रंप ने यह भी स्पष्ट किया कि वे इस डील से एक वैश्विक शांतिदूत की छवि बनाना चाहते हैं।

क्या मिलेगी सफलता ?

इस शिखर सम्मेलन से यह साफ नहीं हो पाया कि युद्धविराम पर कोई ठोस सहमति बनी है या नहीं। लेकिन बातचीत का दरवाज़ा खुला रखना और हथियार नियंत्रण जैसे संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा शुरू करना खुद में एक सकारात्मक संकेत माना जा सकता है।

यह डील कीव के खिलाफ जा सकती है

अंतरराष्ट्रीय मंच पर इस बैठक को लेकर कई तरह की प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं। यूक्रेन समर्थक गुटों ने आशंका जताई है कि यह डील कीव के खिलाफ जा सकती है। वहीं, अमेरिका के कुछ रिपब्लिकन समर्थकों ने ट्रंप की कूटनीतिक पहल को "साहसिक और नेतृत्व भरा कदम" बताया है।

क्या ट्रंप ज़ेलेंस्की के साथ त्रिपक्षीय बैठक करेंगे ?

अब सबकी निगाहें इस बात पर हैं कि क्या ट्रंप ज़ेलेंस्की के साथ त्रिपक्षीय बैठक करेंगे या नहीं। अमेरिकी प्रशासन की ओर से बयान या पुष्टि का इंतजार है। इसके साथ ही यह भी देखा जाएगा कि पुतिन परमाणु समझौते को लेकर अगले कुछ हफ्तों में क्या प्रस्ताव रखते हैं।

2028 चुनावों की रणनीति का भी हिस्सा

बहरहाल ट्रंप-पुतिन की यह मीटिंग कई मायनों में ऐतिहासिक है। यूक्रेन युद्ध, परमाणु हथियार, और वैश्विक संतुलन जैसे मुद्दों पर दोनों नेताओं की यह मुलाकात आने वाले समय में दुनिया की दिशा तय कर सकती है। यह बैठक सिर्फ युद्धविराम पर नहीं, बल्कि ट्रंप की अंतरराष्ट्रीय छवि और 2028 चुनावों की रणनीति का भी हिस्सा मानी जा रही है।

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