पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में BLO के रूप में कार्यरत एक महिला ने आत्महत्या कर ली। परिजनों ने आरोप लगाया है कि वह SIR के काम के भारी दबाव में थीं।
BLO Suicide: देश के कई राज्यों में इन दिनों विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का काम चल रहा है। इसी दौरान SIR का कार्य कर रहे बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) द्वारा आत्महत्या करने की खबरें लगातार सामने आ रही हैं। पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में BLO के रूप में कार्यरत एक महिला ने आत्महत्या कर ली। परिजनों ने आरोप लगाया है कि वह SIR के काम के भारी दबाव में थीं और इसी परेशानी के चलते उन्होंने यह कदम उठाया। पश्चिम बंगाल के अलावा कई अन्य राज्यों से भी BLO की आत्महत्या की ऐसी ही घटनाएं सामने आ चुकी हैं।
नादिया जिले के कृष्णानगर स्थित षष्ठीतला इलाके में एक महिला BLO ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतका की पहचान छपरा के बंगालझी स्थित स्वामी विवेकानंद विद्यामंदिर में पैरा-शिक्षिका के तौर पर कार्यरत रिंकू तरफदार (54) के रूप में हुई है। वह छपरा द्वितीय पंचायत के अंतर्गत बूथ संख्या 201 की BLO थीं। शुक्रवार रात उन्होंने अपने घर में फांसी लगाकर जान दे दी। शनिवार सुबह उनके पति ने शव देखा।
रिंकू ने आत्महत्या से पहले एक सुसाइड नोट लिखा था, जिसमें उन्होंने अपना दर्द बयां किया। नोट में लिखा था, 'यदि मैंने BLO का काम नहीं किया तो प्रशासनिक दबाव आएगा। मेरे लिए इसे झेलना असंभव है।' उन्होंने अपनी मौत के लिए चुनाव आयोग को भी जिम्मेदार ठहराया।
परिवार का कहना है कि BLO का काम मिलने के बाद से ही रिंकू मानसिक दबाव में थीं। उन्होंने कभी किसी को अपने काम के दबाव की शिकायत नहीं की, लेकिन अंदर ही अंदर परेशान रहती थीं। वे नौकरी छोड़ने की बात भी कर रही थीं। गौरतलब है कि सिर्फ दो दिन पहले जलपाईगुड़ी जिले में भी एक महिला BLO ने आत्महत्या कर ली थी।
मध्य प्रदेश के रायसेन और दमोह जिलों में भी दो BLO की मौत की खबरें आई हैं। परिजनों ने इन मौतों का कारण भी SIR के काम का अत्यधिक दबाव बताया है। शुक्रवार देर रात आत्महत्या करने वाले दोनों BLO की पहचान रमाकांत पांडे और सीताराम गोंड (50) के रूप में हुई है।