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उन्नाव रेप पीड़िता की मां के साथ मारपीट की राहुल गांधी ने की आलोचना, कानून व्यवस्था पर उठाए सवाल

दिल्ली के इंडिया गेट पर उन्नाव रेप पीड़िता की मां के साथ पुलिस के मारपीट करने की राहुल गांधी ने आलोचना की है। उन्होंने एक्स पर पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, हम सिर्फ़ एक मृत अर्थव्यवस्था नहीं - ऐसी अमानवीय घटनाओं के साथ हम एक मृत समाज भी बनते जा रहे हैं।

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Dec 24, 2025
राहुल गांधी (फाइल फोटो-पत्रिका)

उन्नाव रेप पीड़िता की मां के साथ इंडिया गेट पर हुई बदसलूकी की विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कड़ी आलोचना की है। राहुल ने इस मामले के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। राहुल ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर करते हुए केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। राहुल ने लिखा, हम सिर्फ़ एक मृत अर्थव्यवस्था नहीं - ऐसी अमानवीय घटनाओं के साथ हम एक मृत समाज भी बनते जा रहे हैं।

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दिल्ली हाई कोर्ट ने आरोपी को दी जमानत

बता दें कि, हाल ही में दिल्ली हाई कोर्ट ने उन्नाव रेप मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को सशर्त जमानत दी है। पीड़िता का परिवार और सामाजिक संगठन कोर्ट के इस फैसले की कड़ी आलोचना कर रहे हैं। इसके विरोध में पीड़िता, उसकी मां और सामाजिक कार्यकर्ता योगिता भयाना ने मंगलवार शाम को दिल्ली में इंडिया गेट के पास धरना-प्रदर्शन किया था। इस दौरान पुलिस ने उन्हें रोका और जबरदस्ती उन्हें वहां से हटा दिया।

पीड़ितों की मां को मीडिया से बातचीत करने से रोका

इस घटना के कई वीडियो भी सामने आए हैं जिनमें पुलिस पीड़िता की मां और अन्य लोगों के साथ बदसलूकी करती नजर आ रही है। संसद में मौजूद पैरामिलिट्री के जवानों ने पीड़िता की मां को मीडिया से बातचीत करने से रोका और उन्हें इतना परेशान किया कि उन्हें एक चलती बस से कूदने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस घटना की आलोचना करते हुए राहुल ने एक्स पर पोस्ट शेयर किया। उन्होंने लिखा, क्या एक गैंगरेप पीड़िता के साथ ऐसा व्यवहार उचित है।

राहुल गांधी ने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए

राहुल ने आगे लिखा, क्या उसकी गलती ये है कि वो न्याय के लिए अपनी आवाज़ उठाने की हिम्मत कर रही है। उसके अपराधी (पूर्व BJP MLA) को ज़मानत मिलना बेहद निराशाजनक और शर्मनाक है, खासकर तब, जब पीड़िता को बार-बार प्रताड़ित किया जा रहा हो, और वो डर के साए में जी रही हो। नेता प्रतिपक्ष ने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए लिखा, बलात्कारियों को ज़मानत, और पीड़िताओं के साथ अपराधियों सा व्यवहार ये कैसा न्याय है। लोकतंत्र में असहमति की आवाज़ उठाना अधिकार है, और उसे दबाना अपराध। पीड़िता को सम्मान, सुरक्षा और न्याय मिलना चाहिए, न कि बेबसी, भय और अन्याय।

Published on:
24 Dec 2025 05:17 pm
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