अमेरिका द्वारा भारत से एक्सपोर्ट होने वाले सामान पर 50% टैरिफ लगाने पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत राष्ट्रहित में ठोस कदम उठाएगा। चीन ने भी अमेरिका के टैरिफ के खिलाफ भारत का समर्थन किया है और अमेरिका के इस फैसले की आलोचना की है।
अमेरिका ने भारत से एक्सपोर्ट होने वाले सामान पर 50 प्रतिशत का टैरिफ लगाया है। इसपर भारत ने अपनी प्रतिक्रिया भी दी है। विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि अमेरिका के फैसले पर भारत राष्ट्र हित में ठोस कदम उठाएगा।
भारत ने भी अमेरिका को सबक सिखाने की तैयारी कर ली है। इस बीच, भारत को चीन का भी साथ मिल गया है। अमेरिकी टैरिफ को लेकर चीन ने भारत का पुरजोर समर्थन किया है।
भारत में स्थित चीनी दूतावास की ओर से कहा गया है कि भारत की संप्रभुता पर कोई समझौता नहीं किया जा सकता। कोई भी अन्य देश भारत की विदेश नीति को तय नहीं कर सकता है, चाहे भारत के साथ उनके अपने संबंध कितने भी महत्वपूर्ण क्यों न हों।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 अगस्त से 1 सितंबर तक चीन दौरे पर जा सकते हैं। वह तियानजिन शहर में आयोजित होने वाले शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन में भाग ले सकते हैं।
यह प्रधानमंत्री मोदी की 2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद पहली चीन यात्रा होगी, जिसने द्विपक्षीय संबंधों को गंभीर रूप से प्रभावित किया था।
प्रधानमंत्री मोदी इससे पहले 2019 में चीन गए थे। उन्होंने 2024 में रूस के कजान में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ बैठक भी की थी।
जुलाई में, विदेश मंत्री (ईएएम) एस जयशंकर तियानजिन में एससीओ विदेश मंत्रियों की परिषद की बैठक में भाग लेने के लिए चीन गए थे। उन्होंने इस कार्यक्रम के दौरान अपने चीनी समकक्ष वांग यी के साथ भी चर्चा की। उन्होंने अपने साथी एससीओ विदेश मंत्रियों के साथ चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात की।
इससे पहले जून में, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए चीन गए थे। भारत ने आतंकवाद से जुड़ी चिंताओं को बाहर रखने का हवाला देते हुए एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में संयुक्त घोषणापत्र का समर्थन करने से इनकार कर दिया था।
उधर, भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल रूस पहुंच गए हैं। यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस से तेल खरीदने के कारण भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने की घोषणा की है।
मॉस्को यात्रा के दौरान, एनएसए डोभाल भारत-रूस रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग पर चर्चा के अलावा, तेल मुद्दे और आगामी मोदी-पुतिन शिखर सम्मेलन पर भी बातचीत करेंगे। डोभाल रक्षा उद्योग सहयोग पर भी बातचीत कर सकते हैं।