वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने पर संसद में चर्चा के दौरान, बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि जिन्ना के मुन्ना को भी वंदे मातरम से दिक्कत है।
Vande Mataram Debate: वंदे मातरम के 150 साल पूरे होने के मौके पर आज संसद में इसे लेकर चर्चा की जा रही है। इसे लेकर पक्ष और विपक्ष लगातार एक दूसरे पर हमलावर है। इस बहस की शुरुआत पीएम मोदी ने की और कहा कि कांग्रेस पर पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री मोहम्मद अली जिन्ना के सामने घुटने टेकने का आरोप लगाया है। पीएम के बाद अब बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने भी इस मुद्दे पर विपक्ष को आड़े हाथों ले लिया है।
Vande Mataram Debate in Lok Sabha: ठाकुर ने कहा, पहले अंग्रेजों को वंदे मातरम से दिक्कत थी, फिर जिन्ना को इससे आपत्ति और अब मैं पूछना चाहता हूं कि क्या जिन्ना के मुन्ना को भी इससे दिक्कत है। लोकसभा में बहस के दौरान ठाकुर ने कहा, यह साल काफी खास है क्योंकि इस साल हम बिरसा मुंडा, सरदार पटेल और साथ ही वंदे मातरम की 150वीं जयंती मना रहे हैं। मैं इस बहस को शुरू करने के लिए स्पीकर और प्रधानमंत्री मोदी सहित अपनी पार्टी के नेतृत्व का आभार व्यक्त करता हूं। यह प्रधानमंत्री मोदी ही थे जिन्होंने इस बहस की शुरुआत की।
उन्होंने आगे कहा, वंदे मातरम को 100 साल पूरे होने पर आपातकाल लगा कर उस समय की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने संविधान का उल्लंघन किया था। लेकिन उस दौरान इसे लेकर कोई बात नहीं हुई। आज पीएम मोदी ने इसके इतिहास और सांस्कृतिक प्रभाव को लेकर बात की है। मुझे उम्मीद है कि वंदे मातरम एक प्रेरणादायक दस्तावेज बनेगा। ठाकुर ने आगे कहा, वंदे मातरम सिर्फ एक गाना नहीं है यह एक महामंत्र है। मैं यह साफ करना चाहता हूं कि यह गीत किसी धर्म या किसी राजनीतिक दल तक सीमित नहीं है। यह राष्ट्रीय गौरव और भारतीय संस्कृति को दर्शाता है। यह देश के लिए भक्ति और श्रद्धा व्यक्त करने का एक तरीका है और इसलिए ही कांग्रेस इससे डरती है।
वह इससे इतना डरते हैं कि उनके दो सदस्य सदन में पीएम मोदी के भाषण के दौरान मौजूद ही नहीं थे। ठाकुर ने आरोप लगाया कि, जवाहरलाल नेहरू ने वंदे मातरम को छोटा करके सिर्फ दो छंदों तक सीमित कर दिया था, जिससे देश का विभाजन हुआ। उन्होंने आगे कहा कि अब राहुल गांधी इसे और छोटा करके केवल एक पंक्ति तक सीमित कर रहे हैं। ठाकुर ने आगे कहा, वे आज सदन में मौजूद भी नहीं थे, मैंने सुना कि वे वंदे मातरम को बिना देखे पढ़ने की योजना बना रहे थे। हम अभी भी इंतज़ार कर रहे हैं।
ठाकुर ने बताया कि नेहरू द्वारा वंदे मातरम के जो छंद हटाए गए थे उनमें मां दुर्गा के संदर्भ थे। ठाकुर के अनुसार, उन छंदों को हटाना भारत की आत्मा को नष्ट करने जैसा था। ठाकुर ने वंदे मातरम को पवित्र बताते हुए इसकी तुलना वेदों के श्लोकों, कुरान और बाइबल से कर दी। ठाकुर ने आगे कहा, वंदे मातरम की 150वीं वर्षगांठ पर मैं फिर से कह रहा हूं कि ब्रिटिश ने इसका विरोध किया था, जिन्ना ने इसका विरोध किया था और अब मैं पूछना चाहता हूं क्या जिन्ना का मुन्ना भी इसका विरोध कर रहा है। अपने भाषण के अंत में ठाकुर ने कहा, लोग कहते हैं कि हम नेहरू को बदनाम कर रहे हैं, लेकिन हम तो केवल तथ्यों को सामने ला रहे है।