पश्चिम बंगाल के नदिया ज़िले में एक नवजात बच्ची को उसके मां-बाप ने ठंड में लावारिस छोड़ दिया, जिसके बाद कुत्तों के एक झुंड ने पूरी रात बच्ची की सुरक्षा की।
पश्चिम बंगाल के नदिया ज़िले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां नवद्वीप शहर में एक निर्दयी मां-बाप ने अपनी कुछ घंटे की मासूम बच्ची को लावारिश मरने के लिए छोड़ दिया। लेकिन तभी कुत्तों का एक झुंड फरिश्ता बन कर वहां आया और पूरी रात बच्ची की रक्षा करता रहा। यह बच्ची बुधवार तड़के रेलवे कर्मचारियों की कॉलोनी में एक बाथरूम के बाहर ठंडी ज़मीन पर पड़ी मिली है। जानकारी के अनुसार, बच्ची जब मिली तो उसके शरीर पर जन्म के समय लगा खून भी साफ नहीं किया गया था।
स्थानीय निवासियों के अनुसार, बच्ची के पास न कोई कंबल था और न कोई कपड़ा। वह इस भयानक सर्दी में नग्न अवस्था में जमीन पर पड़ी थी। उन्होंने बताया कि, जब उन्हें बच्ची मिली तो उसके चारों तरफ स्थानीय कुत्तों ने एक घेरा बना रखा था। वह रात से वहां रुके थे और बच्ची की रक्षा कर रहे थे। स्थानीय निवासी सुक्ला मंडल के अनुसार, कुत्ते बच्ची के पास बिल्कुल भी आक्रामक नहीं दिखे बल्कि वह चौकस होकर उसकी निगरानी कर रहे थे। वे बिल्कुल हिल नहीं रहे थे, न भौंक रहे थे, जैसे वे समझ रहे हो कि बच्ची जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही है।
एक अन्य निवासी ने कहा, मैंने बच्चे के रोने की आवाज सुनी और जब मैंने वहां जाकर देखा तो जमीन पर एक बच्ची पड़ी थी और उसके चारों तरफ कुत्तों ने सुरक्षा घेरा बना रखा था। कुत्ते ऐसे व्यवहार कर रहे थे जैसे वे पहरेदार हों। लोगों ने इस घटना को अजूबा बताया है और कुत्तों का ऐसा व्यवहार देख कर वे काफी हैरान है। उन्होंने बताया कि, सुबह होने तक कुत्तों ने किसी व्यक्ति या किसी भी चीज को बच्ची के पास नहीं आने दिया।
इसके बाद शुक्ला ने कुत्तों के पास जाकर धीरे से कुछ कहा और वह पीछे हटे। फिर शुक्ला ने तुरंत उस बच्ची को अपने दुपट्टे में लपेटा लिया। पड़ोसियों की मदद से वह बच्ची को नजदीकि अस्पताल लेकर पहुंची जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने बताया कि बच्ची पूरी तरह स्वस्थ है। उसे कोई चोट नहीं आई है और उसके सिर पर लगा खून शायद जन्म के समय लगा था जिसे साफ नहीं किया गया। इसके बाद स्थानीय लोगों ने पुलिस में मामले की शिकायत दर्ज कराई और जांच शुरु की गई।