Who is Justice Nisha Bano: मद्रास हाईकोर्ट की जज निशा बानो को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अल्टीमेटम दिया है। राष्ट्रपति का यह निर्देश जस्टिस निशा बानो द्वारा अपना पदभार नहीं संभालने के कारण आया है। हाल ही में जस्टिस निशा को एक अधिसूचना जारी करके उनके ट्रांसफर की सूचना दी थी।
President Give Ultimatum: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मद्रास हाईकोर्ट की जज जे. निशा बानो को शीघ्र ही केरल हाईकोर्ट में अपना पदभार संभालने का निर्देश दिया है। राष्ट्रपति का यह निर्देश जस्टिस निशा के द्वारा ट्रांसफर होने के बाद अपने पद को संभालने में हो रही देरी के चलते आया है। जारी किए गए निर्देश के अनुसार जस्टिस बानो को 20 दिसंबर तक केरल हाईकोर्ट में अपना पद संभालना होगा। हाल ही में केंद्र सरकार ने एक अधिसूचना जारी करके जस्टिस बानो को जानकारी दी थी कि आपका ट्रांसफर किया जा रहा है और अब आपको केरल हाईकोर्ट में अपना कार्यभार संभालना है। यह अधिसूचना केंद्र के द्वारा 14 अक्टूबर को जारी की गई थी। इसके बाद अभी तक जस्टिस ने केरल हाईकोर्ट में अपना पद नहीं संभाला है।
जस्टिस जे. निशा बानो को केरल हाईकोर्ट का पदभार संभालने के लिए राष्ट्रपति का निर्देश है। यह निर्देश उनके द्वारा पदभार संभालने में हो रही देरी के कारण दिया गया है। हालांकि जस्टिस निशा बानो ने पदभार संभालने में हो रही देरी का जवाब देते हुए कहा है कि मैंने अपने बेटे की शादी के लिए छुट्टी मांगी थी। साथ ही उन्होंने ट्रांसफर पर कहा कि मैंने इस पर पुनर्विचार करने की भी मांग की थी।
जस्टिस निशा बानो मद्रास हाईकोर्ट में स्थायी जज हैं और उनका ट्रांसफर संविधान के अनुच्छेद 217(1)(ग) के तहत किया गया है।
संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान जस्टिस जे. निशा बानो का मामला लोकसभा में भी उठा था। कांग्रेस सांसद के.एम. सुधा ने लोकसभा में सवाल उठाया था कि क्या जस्टिस बानो अभी मद्रास हाईकोर्ट कॉलेजियम का हिस्सा हैं? साथ ही उन्होंने पूछा कि क्या जस्टिस निशा बानो ने जजों की नियुक्ति वाले अनुशंसा (Recommendation) पर हस्ताक्षर किए हैं?
इसके जवाब में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने संवैधानिक प्रावधानों की व्याख्या की थी। हालांकि उनके जवाब से सही उत्तर नहीं मिल सका था।
जस्टिस निशा बानो के ट्रांसफर की अधिसूचना जारी होने के बाद भी वह मद्रास हाईकोर्ट में ही कार्यरत हैं। साथ ही केरल हाईकोर्ट में पद संभालने में भी लगातार देरी हो रही है। इसी कारण संसद में भी सवाल खड़े हुए और अब राष्ट्रपति को भी निर्देश देना पड़ा है। इसके साथ ही उन्होंने पदभार संभालने की अंतिम तारीख भी बताई है क्योंकि लगातार देरी से केरल हाईकोर्ट के बार एसोसिएशन में बेचैनी बढ़ रही है और एसोसिएशन को कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं।
जस्टिस निशा बानो द्वारा पदभार संभालने में हो रही देरी पर विशेषज्ञों का कहना है कि जजों का ट्रांसफर स्वतंत्र न्यायपालिका के लिए जरूरी होता है। साथ ही निजी कारणों से हो रही देरी को अनुशासनहीनता भी माना जा सकता है।