
जैसलमेर . सम मार्ग स्थित आयोजन स्थल के बाहर रही चहल-पहल। फोटो पत्रिका
Rajasthan High Court Decision : राजस्थान हाईकोर्ट में मुकदमों का अंबार कम करने के लिए अब हर महीने के दो शनिवार को अदालती कार्य होगा। देश के प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत की पहल पर कार्य दिवस बढ़ाने वाला राजस्थान हाईकोर्ट देश का पहला हाईकोर्ट बन गया। जयपुर और जोधपुर में मजिस्ट्रेट स्तर के एक-एक सायंकालीन न्यायालय की पायलट तौर पर शुरुआत की जाएगी। न्यायिक अधिकारी जितेन्द्र सिंह गुलेरिया को सेवा से बर्खास्त किया जाएगा।
राजस्थान हाईकोर्ट की पूर्णपीठ की बैठक में कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा की अध्यक्षता में शुक्रवार को जैसलमेर में यह निर्णय लिया गया। बैठक करीब दो घंटे चली, जिसमें न्यायाधीश प्रवीर भटनागर को छोड़कर अन्य न्यायाधीश मौजूद रहे।
मुकदमों की संख्या में कमी लाने के लिए देश के प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत ने पिछले दिनों सभी उच्च न्यायालयों को कार्यदिवस बढ़ाने के लिए पत्र लिखा, जिस पर पूर्णपीठ की बैठक में सभी न्यायाधीशों ने सहमति दी कि अगले साल के कैलेंडर में संशोधन कर हर महीने के दो शनिवार को हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए कार्यदिवस घोषित किया जाए। इससे अब हाईकोर्ट में कार्यदिवस 210 से बढ़कर 230 से अधिक हो जाएंगे।
पूर्णपीठ की बैठक में जयपुर और जोधपुर में मजिस्ट्रेट स्तर का एक-एक सायंकालीन न्यायालय शुरू किया जाएगा। इस बारे में आगे के निर्णय लेने के लिए कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश शर्मा और न्यायाधीश पुष्पेंद्र सिंह भाटी की कमेटी बनाई जाएगी।
न्यायिक अधिकारी जितेन्द्र गुलेरिया को एक बच्चे का लैंगिक उत्पीड़न करने के आरोप से पॉक्सो कोर्ट ने तो बरी कर दिया था, लेकिन पूर्णपीठ ने शुक्रवार को उन्हें सेवा से हटाने का निर्णय किया।
1- एक न्यायिक अधिकारी को सेवा नियमों के अंतर्गत 17 सीसी के बजाय 16 सीसी की चार्जशीट दी जाएगी।
2- परिवीक्षाधीन 109 न्यायिक अधिकारियों को नियमित सेवा में लिया जाएगा।
3- परिवीक्षाधीन चल रहे जिला एवं सत्र न्यायाधीश स्तर के अधिकारी लोकेन्द्र शेखावत और विवेक कुमार त्रिपाठी की सेवाएं नियमित की जाएंगी। इनके अलावा रमेश कुमार को न्यायिक अकादमी में 15 दिन प्रशिक्षण दिया जाएगा और एक माह उनको नियमित करने पर पुन: विचार होगा, जबकि अनुभव सिडाना का परीवीक्षाकाल एक माह बढ़ाने का निर्णय लिया गया।
पूर्णपीठ की बैठक में एक न्यायिक अधिकारी की कोर्ट में देरी से पहुंचने के मामले में एक एसीपी रोकने और रिमांड ड्यूटी पर होने के बावजूद जिला न्यायाधीश को सूचना दिए बिना गायब रहने के मामले में 2 एसीपी रोकने का निर्णय लिया गया।
Published on:
13 Dec 2025 10:34 am
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