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सिरोही मेडिकल कॉलेज रिश्वत कांड: प्रिंसिपल के लिए संविदा कर्मी करता था वसूली, बोला- पैसा ऊपर तक जाता है

डॉ. भीमराव आंबेडकर गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज सिरोही के रिश्वत मामले में एसीबी जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। गिरफ्तार प्रिंसिपल श्रवण मीना ने दलाली के लिए विजय नामक व्यक्ति को संविदा पर रख रखा था, जो वसूली करता था।

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जयपुर

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Arvind Rao

Dec 13, 2025

Sirohi Medical College bribery case

गिरफ्तार प्रिंसिपल (नीले कोट में) फोटो- पत्रिका

जयपुर: डॉ. भीमराव आंबेडकर गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज सिरोही के रिश्वत प्रकरण में एसीबी जांच में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। एसीबी के मुताबिक, गिरफ्तार प्रिंसिपल श्रवण मीना ने दलाली के लिए परिचित को संविदा पर नियुक्त कर रखा था। जो उसके लिए वसूली करता था। एसीबी ने इस दलाल को भी प्रकरण में नामजद किया है। प्रिंसिपल के पकड़े जाने के बाद वह भाग गया।

एसीबी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संदीप सारस्वत ने बताया कि प्रिंसिपल ने चूरू जिले के विजय को कॉलेज में संविदा पर लगा रखा था। वह पांच साल से दिखावे के लिए संविदा पर था, हकीकत में विजय प्रिंसिपल के लिए वसूली और दलाली करता था।

कॉलेज हॉस्टल मैस ठेकेदार ने एसीबी को बताया कि उसने कई बार रिश्वत की रकम विजय और उसकी पत्नी के खातों में ऑनलाइन ट्रांसफर की थी। एसीबी की टीम उसकी तलाश में दबिश दे रही है। अधिकारियों का मानना है कि विजय की गिरफ्तारी के बाद प्रिंसिपल की और भी करतूतें सामने आएंगी।

पैसा ऊपर तक जाता है

श्रवण मीना के पास खुद की नई गाड़ी थी, लेकिन वह उसका उपयोग नहीं करता था। सिरोही से जयपुर आने-जाने और शहर में घूमने के लिए वह पीड़ित मैस ठेकेदार की गाड़ी ही बुलवाता था। पीड़ित के अनुसार प्रिंसिपल उसकी गाड़ी को ऐसे इस्तेमाल करता था, मानो वह उसकी निजी गाड़ी हो।

पीड़ित ठेकेदार ने कई बार मीना से रिश्वत की राशि कम करने की गुहार लगाई, क्योंकि कामकाज प्रभावित हो रहा था। लेकिन मीना का जवाब होता था, मेरे पास पूरा नहीं आता, पैसा ऊपर तक जाता है।

रंगे हाथों गिरफ्तार

प्रिंसिपल श्रवण मीना को गुरुवार को जयपुर के राजापार्क इलाके में 50 हजार की रिश्वत लेते हुए एसीबी ने रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। यह राशि उसने कॉलेज हॉस्टल मैस का बिल पास करने और कॉन्ट्रैक्ट के नवीनीकरण के नाम पर मांगी थी।


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