12 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Rajasthan: नशे ने निगले कश्मीर और दौसा के युवक, डॉक्टर ने कहा- पोस्टमॉर्टम टेबल पर टूटता है दिल, जिम्मेदारी कौन लेगा?

दो दिन में दो मौतें ‘दोनों युवा’ दोनों की दुनिया सपनों से सजी थी। मगर हाथ में पहुंचा नशा। पोस्टमॉर्टम टेबल पर डॉक्टर ने दो शरीर नहीं देखे, बल्कि उन घरों की बर्बादी देखी, जहां मां आज भी बेटे के लौटने की राह देख रही होगी। नशा कोई ‘शौक’ नहीं, बल्कि युवाओं को मारने वाला मौन हत्यारा बन चुका है।

2 min read
Google source verification
Rajasthan Drugs claimed

नशे की गिरफ्त ने ले ली जान (फोटो- पत्रिका)

जयपुर: नशे की लत किस तरह जिंदगी को निगल रही है, इसका भयावह और दर्दनाक सच जयपुर के एक निजी मेडिकल कॉलेज के मुर्दाघर में बीते दो दिनों में सामने आया। पांच-छह दिसंबर को लगातार दो युवा एक कश्मीर का छात्र और दूसरा दौसा जिले का निवासी, नशीली दवाओं के सेवन के बाद मृत पाए गए।

बता दें कि दोनों के पोस्टमॉर्टम खोह नागोरियान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेंद्र कुमार शर्मा ने किए। डॉ€क्टर के शब्दों में ‘दो दिन में दो जवान लाशें’ यह सिर्फ मौत नहीं, पूरे-पूरे परिवारों की तबाही है। दोनों मामलों में खून और आंतरिक अंगों के नमूने फॉरेंसिक और पैथोलॉजी लैब भेजे गए हैं। प्रारंभिक जांच में दोनों की मौत का कारण नशीली दवाओं का सेवन ही माना गया है।

लत में डूबा भविष्य

अनंतनाग (कश्मीर) का 22 वर्षीय छात्र जयपुर में एक निजी कॉलेज में पढ़ता था। पीजी हॉस्टल में रहते हुए नशे का आदी हो गया और जीवनलीला समाप्त कर ली। पांच दिसंबर की सुबह उसका शव मुर्दाघर पहुंचा। डॉ. राजेंद्र कुमार शर्मा बताते हैं कि शरीर पर कोई बाहरी चोट नहीं थी। मगर आंतरिक अंगों की दशा साफ कह रही थी कि मौत नशीली दवाओं के अधिक सेवन का परिणाम है।

हाथ में सिरिंज, जेब में अधूरी कमाई

दौसा जिले का 36 वर्षीय युवक फै€क्ट्री में काम करता था और नशीली दवाओं की लत में फंस चुका था। छह दिसंबर को सुबह करीब तीन बजे वह खेत में मृत मिला। उसके पास दो सिरिंज पड़ी थीं, जिनमें खून भरा हुआ था।

पोस्टमॉर्टम करने वाले डॉ€क्टर के अनुसार, जब शरीर के पास सिरिंज मिली, तब कारण लगभग साफ था। लेकिन पोस्टमॉर्टम के दौरान जो दिखा, उसने दिल दहला दिया। नशा शरीर के हर हिस्से को खोखला कर चुका था।

जिम्मेदारी कौन लेगा- सिस्टम, पुलिस या समाज?

दो दिन, दो मौतें…और अनगिनत सवाल। नशे की गिरफ्त में आए कश्मीर और दौसा के युवक सिर्फ आंकड़े नहीं, बल्कि चेतावनी हैं। पुलिस मानती है मौत नशे से हुई, पर यह जहर आया कहां से?

कॉलेजों और हॉस्टलों के आसपास यह आसानी से कैसे बिक रहा है? दौसा के युवक के हाथ तक सिरिंज किसने पहुंचाई? सप्लाई चेन का कोई सिरा पुलिस पकड़ क्यों नहीं पा रही? मेडिकल रिपोर्टें बार-बार नशे की ओर इशारा कर रही हैं, फिर रोकथाम क्यों नहीं दिखती? यह सिर्फ दो मौतें नहीं, बल्कि दरवाजे पर खड़ा बड़ा संकट है। नशा जब जान ले रहा है, तब सवाल यही है, जिम्मेदारी कौन लेगा? सिस्टम, पुलिस या समाज?

पुलिस निरुत्तर…खोह नागोरियान एसएचओ ओमप्रकाश मातवा से बातचीत

प्रश्न: युवकों की मौत कैसे हुई?
उत्तर: नशे का डोज लेने से मौत हुई है।

प्रश्न: क्या मौके से नशे की सिरिंज और एविल का इंजेक्शन मिला?
उत्तर: हां, दोनों बरामद हुए हैं।

प्रश्न: यह नशा उसके पास कहां से आया?
उत्तर: इसकी जानकारी अभी नहीं है।

प्रश्न: नशीले पदार्थ मिलने के आधार पर क्या मामला दर्ज कर जांच की गई?
उत्तर: नहीं, इस संबंध में कोई केस दर्ज नहीं किया गया और न ही जांच की गई है।