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अप्रैल में आतंकियों ने पहलगाम को ही क्यों चुना? बड़ी जानकारी आई सामने

Pahalgam Attack: अप्रैल में जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया। इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई। बताया जाता है कि आतंकियों ने पहले पर्यटकों से नाम और धर्म पूछा इसके बाद उन पर गोली चलाई। 

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Aug 28, 2025
NIA ने बताया आतंकियों ने बैसरन घाटी को हमले के लिए क्यों चुना (Photo-IANS)

Pahalgam Attack: जम्मू कश्मीर के पहलगाम के बैसरन घाटी में अप्रैल में हुए आतंकी हमले को लेकर एनआईए ने गुरुवार को बड़ा दावा किया है। NIA ने कहा कि आतंकियों ने बैसरन को इसलिए चुना क्योंकि वहां पर्यटकों की भारी भीड़ होती है, यह इलाका अपेक्षाकृत अलग-थलग है और सुरक्षा बलों की प्रतिक्रिया समय भी कम है। NIA ने कहा कि 22 अप्रैल को हुए उस क्रूर आतंकी हमले में तीन आतंकवादी सीधे तौर पर शामिल थे जिसमें 26 लोग निर्ममतापूर्वक मारे गए थे।"

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‘बैसरन को आतंकियों ने क्यों चुना’

NIA प्रवक्ता ने कहा कि आतंकवादियों ने बैसरन को इसलिए निशाना बनाया क्योंकि वहाँ पर्यटकों की संख्या ज़्यादा थी, यह अपेक्षाकृत अलग-थलग था और यह भी ध्यान में रखा कि प्रतिक्रिया में समय लगेगा। 

पर्यटकों को बनाया निशाना

बता दें कि अप्रैल में जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने पर्यटकों को निशाना बनाया। इस हमले में 26 लोगों की मौत हुई। बताया जाता है कि आतंकियों ने पहले पर्यटकों से नाम और धर्म पूछा इसके बाद उन पर गोली चलाई। 

NIA ने दो लोगों को किया था गिरफ्तार

वहीं एनआईए ने जून में तीन पाकिस्तानी आतंकवादियों को शरण देने के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया था, जिन्हें पिछले महीने के अंत में सशस्त्र बलों ने मार गिराया था। दरअसल, गिरफ्तार किए गए लोगों ने तीनों हमलावरों की पहचान प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े पाकिस्तानी नागरिकों के रूप में बताई। 

आतंकवादियों की मदद करते थे व्यक्ति

एनआईए अधिकारियों ने बताया कि दोनों व्यक्ति आतंकवादियों को भोजन, आश्रय और रसद सहायता प्रदान करते थे। उन्होंने खुलासा किया कि श्रीनगर के बाहरी इलाके में 28 जुलाई को 'ऑपरेशन महादेव' नामक मुठभेड़ में मारे गए लश्कर के तीन आतंकवादी हमले के बाद से दाचीगाम-हरवान वन क्षेत्र में छिपे हुए थे।

ऑपरेशन सिंदूर कर भारत ने लिया बदला

बता दें कि पहलगाम आतंकवादी हमले के जवाब में भारतीय सशस्त्र बलों ने 7 मई को 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए। इस अभियान में लश्कर और जैश-ए-मोहम्मद के मुख्यालयों और प्रशिक्षण केंद्रों सहित नौ ठिकानों को निशाना बनाया गया। इस कार्रवाई में 100 से ज्यादा आतंकियों को मारा गया। 

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