शिंदे ने ठाकरे की दशहरा रैली पर तंज कसते हुए कहा, "आपको अपनी रैली पाकिस्तान में करनी चाहिए थी।
महाराष्ट्र की सियासत में दशहरा का त्योहार हमेशा से ही गरमागर्म बहसों का मैदान रहा है। इस बार भी अपवाद नहीं हुआ। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता एकनाथ शिंदे ने दशहरा रैली में अपने पुराने प्रतिद्वंद्वी, शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे पर ऐसा तीखा प्रहार किया कि राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई। शिंदे ने ठाकरे की दशहरा रैली पर तंज कसते हुए कहा, "आपको अपनी रैली पाकिस्तान में करनी चाहिए थी… और पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाना चाहिए था।
शिंदे ने यह हमला मुंबई के नेस्को एग्जिबिशन सेंटर में आयोजित अपनी शिवसेना की दशहरा रैली के दौरान बोला। उन्होंने 2008 के मुंबई आतंकी हमलों का जिक्र करते हुए ठाकरे पर निशाना साधा कि तत्कालीन यूपीए सरकार ने विदेशी दबाव में पाकिस्तान पर हमला नहीं किया, जो देश के साथ 'विश्वासघात' था। शिंदे ने कहा, "सैकड़ों लोग मारे गए, लेकिन किसी के दबाव में हमला नहीं किया। यह लाचारी और कायरता है। शेर हमेशा शेर ही रहता है!" उनका इशारा साफ था ठाकरे की 'कथित' नरमी पर।
दूसरी तरफ, उद्धव ठाकरे ने भी शिवाजी पार्क में अपनी रैली में शिंदे गुट और बीजेपी पर जोरदार हमला बोला। ठाकरे ने शिंदे समर्थकों को 'पीतल' और अपने वफादारों को 'सोना' बताते हुए कहा, "जो चुराया गया था वो पीतल था, असली सोना तो मेरे पास है।" उन्होंने मराठी भाषा पर हिंदी के 'शासन' का मुद्दा उठाते हुए चेतावनी दी, "मराठी पर हिंदी को शासन करने नहीं देंगे।" साथ ही, बीजेपी-आरएसएस पर हिंदुत्व के 'ढोंग' का आरोप लगाया। ठाकरे ने जीएसटी का श्रेय नेहरू को देते हुए केंद्र सरकार पर कटाक्ष किया, "जीएसटी नेहरू ने लगाया था, क्या?"