न्यूयॉर्क. सडक़ों पर इलेक्ट्रॉनिक वाहनों के बाद दुनिया में जल्द इलेक्ट्रिक विमानों का दौर शुरू हो सकता है। हाल ही अमरीका में दुनिया के पहले इलेक्ट्रिक विमान ने उड़ान भरी। इसने ईस्ट हैम्पटन से न्यूयॉर्क के जॉन एफ. कैनेडी एयरपोर्ट तक 130 किलोमीटर की दूरी सिर्फ 30 मिनट में तय की। यह परीक्षण उड़ान थी। […]
न्यूयॉर्क. सडक़ों पर इलेक्ट्रॉनिक वाहनों के बाद दुनिया में जल्द इलेक्ट्रिक विमानों का दौर शुरू हो सकता है। हाल ही अमरीका में दुनिया के पहले इलेक्ट्रिक विमान ने उड़ान भरी। इसने ईस्ट हैम्पटन से न्यूयॉर्क के जॉन एफ. कैनेडी एयरपोर्ट तक 130 किलोमीटर की दूरी सिर्फ 30 मिनट में तय की। यह परीक्षण उड़ान थी। इसी साल के अंत तक ऐसे विमानों की कमर्शियल उड़ानों के लिए यूएस फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (एफएए) से मंजूरी मिलने के आसार हैं।
अमरीकी कंपनी बेटा टेक्नोलॉजीस 2017 से ‘एलिया सीएक्स-300’ नाम के इस विमान पर काम कर रही थी। कंपनी के सीईओ के. क्लार्क के मुताबिक यह 100त्न इलेक्ट्रिक विमान है। यह आम विमानों के मुकाबले कम शोर करता है। परीक्षण उड़ान के दौरान इसमें सवार यात्रियों ने गपशप करते हुए अलग तरह की हवाई यात्रा का लुत्फ लिया। फिलहाल विमान रनवे पर दौडऩे के बाद हवा में उड़ान भरता है। कंपनी जल्द इसका नया वर्जन पेश करेगी, जो वर्टिकल टेकऑफ और लैंडिंग तकनीक वाला होगा।
हेलिकॉप्टर से भी सस्ती होगी हवाई यात्रा
इलेक्ट्रॉनिक विमान से हवाई यात्रा बेहद सस्ती हो जाएगी। परीक्षण उड़ान के लिए विमान को चार्ज करने के लिए सिर्फ आठ डॉलर (करीब 700 रुपए) खर्च हुए। इसका सफर हेलिकॉप्टर के सफर से ज्यादा सस्ता है। आम हेलिकॉप्टर से 130 किलोमीटर की दूरी तय करने में ईंधन पर करीब 160 डॉलर (13,885 रुपए) खर्च होते हैं। एक बार पूरा चार्ज करने पर इलेक्ट्रॉनिक विमान 450 किलोमीटर की यात्रा कर सकता है।
छोटी यात्राओं के लिए अच्छा विकल्प
‘एलिया सीएक्स-300’ बनाने वाली कंपनी का कहना है कि इलेक्ट्रिक विमान शहरों या कस्बों के बीच छोटी यात्राओं के लिए स्वच्छ, शांत और सस्ता विकल्प हो सकते हैं। कम लागत और शोर की वजह से यह यात्रियों को राहत देगा। आम विमान कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित करते हैं। इलेक्ट्रिक विमान इससे मुक्त होगा।