Delhi Elections 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी मुस्लिम बाहुल्य 10 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इससे जंगपुरा विधानसभा सीट पर डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।
Delhi Elections 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी भी 10 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी। इनमें से दो सीटों ओखला और मुस्तफाबाद में पार्टी ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा भी कर दी है। अब असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM जंगपुरा समेत उन सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारने की तैयारी कर रही है। जहां मुस्लिम मतदाताओं की संख्या ज्यादा है। दिल्ली विधानसभा चुनाव में वैसे तो आम आदमी पार्टी का मुख्य मुकाबला भाजपा से माना जा रहा है, लेकिन असदुद्दीन ओवैसी भी मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारकर आम आदमी पार्टी की मुश्किलें बढ़ा सकते हैं।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में प्रमुख रूप से भाजपा, कांग्रेस, 'आप' के बीच छिड़ी चुनावी जंग दिल्ली में असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री से अब और दिलचस्प होने वाली है। देशभर में मुसलमानों की प्रमुख पार्टी बनने की कोशिश में जुटी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) अब दिल्ली की 10 सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ने जा रही है। मीडिया रिपोर्ट की मानें तो असद्दीन ओवैसी की पार्टी ओखला से जंगपुरा तक उन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। जहां मुस्लिम मतदाताओं की अच्छी आबादी है। यानी जहां मुस्लिम मतदाता निर्णायक स्थिति में हैं, वहां आम आदमी पार्टी की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं।
असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM की ओर से दिल्ली की मुस्तफाबाद और ओखला विधानसभा सीट पर प्रत्याशी उतारे जा चुके हैं। मुस्तफाबाद में AIMIM ने दिल्ली दंगों के आरोपी ताहिर हुसैन को टिकट दिया है। जबकि ओखला विधानसभा सीट से AIMIM ने शफाउर रहमान खान को चुनावी मैदान में उतारा है। शफाउर रहमान खान 'आप' नेता अमानतुल्लाह खान के लिए चुनौती बनेंगे। इसके अलावा असदुद्दीन ओवैसी दिल्ली दंगों के एक और आरोपी शाहरुख पठान को भी चुनावी मैदान में उतारने की तैयारी में है।
दिल्ली में जहां मुस्तफाबाद और ओखला में एआईएमआईएम अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर चुकी है। वहीं अब बाबरपुर, बल्लिमारान, चांदनी चौक, जंगपुरा, सदर बाजार, मटिया महल, करावल नगर और सीलमपुर में भी जल्द ही प्रत्याशियों का ऐलान करने की तैयारी में है। माना जा रहा है कि दिल्ली में फिर से अपनी जमीन तैयार करने की कोशिश में जुटी कांग्रेस के साथ अब मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी भी आम आदमी पार्टी के लिए चुनौती बन सकती है।
दिल्ली में असदुद्दीन ओवैसी की एंट्री से ध्रुवीकरण बढ़ने और आम आदमी पार्टी को ज्यादा नुकसान पहुंचने की आशंकाएं जाहिर की जा रही हैं। दरअसल, साल 2013 से दिल्ली की मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर आम आदमी पार्टी की स्थिति मजबूत रही है। इस बार लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद कांग्रेस भी दिल्ली में फिर से अपनी जमीन तैयार करने के लिए उत्साहित है। दूसरी ओर असदुद्दीन ओवैसी भी दिल्ली चुनाव में एंट्री ले रहे हैं। ऐसे में मुस्लिम वोटों के ध्रुवीकरण की संभावनाएं तेज हो गई हैं। अगर कांग्रेस के साथ असदुद्दीन ओवैसी भी मुस्लिम मतदाताओं को अपनी ओर खींचने में कामयाब हो जाते हैं तो आम आदमी पार्टी को चुनाव में बड़ा झटका लग सकता है।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि कांग्रेस पूरे दमखम के साथ विधानसभा चुनाव में उतरने का दावा कर रही है। ऐसे में आम आदमी पार्टी को मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर पहले ही नुकसान होने की आशंका है। इस बीच अगर ओवैसी भी मुस्लिम वोट बैंक में सेंध लगाने में कामयाब होते हैं तो 'आप' संयोजक अरविंद केजरीवाल की चिंता बढ़ सकती है। खास तौर पर दिल्ली की तीन विधानसभा सीटों पर मुकाबला दिलचस्प हो जाएगा। यहां आम आदमी पार्टी के तीन प्रमुख चेहरे चुनाव लड़ रहे हैं। इसमें जंगपुरा से मनीष सिसोदिया, बाबरपुर से दिल्ली सरकार में मंत्री गोपाल राय और ओखला से मुस्लिम चेहरे अमानतुल्लाह खान चुनाव लड़ रहे हैं। यह सभी सीटें मुस्लिम बाहुल्य मानी जाती हैं।