Delhi: दिल्ली पुलिस की सतर्कता शाखा ने थाने में तैनात सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) राकेश कुमार को एक व्यक्ति से 15,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा।
Delhi: मंगलवार को दिल्ली के पुराने इलाके में एक ऐसा नज़ारा देखने को मिला जो किसी फिल्मी सीन से कम नहीं था। हौज काजी पुलिस स्टेशन के बाहर अचानक हवा में पैसे उड़ने लगे और राहगीर उन्हें लूटने के लिए दौड़ पड़े। लेकिन इसके पीछे की कहानी बेहद गंभीर थी, यह पूरा मामला एक पुलिसकर्मी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ने की कार्रवाई का हिस्सा था।
दिल्ली पुलिस की सतर्कता शाखा ने थाने में तैनात सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) राकेश कुमार को एक व्यक्ति से 15,000 रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा। जैसे ही उन्हें यह एहसास हुआ कि विजिलेंस टीम उन्हें घेर चुकी है, उन्होंने घबराहट में 500-500 रुपये के कुल 30 नोट हवा में उछाल दिए, जिससे नोट सड़क पर बिखर गए।
देखते ही देखते आसपास मौजूद लोग दौड़कर नोट उठाने लगे। मौके पर मौजूद सतर्कता अधिकारियों ने तत्काल हरकत में आते हुए 10,000 रुपये की राशि बरामद कर ली, लेकिन बाकी 5,000 रुपये की गड्डी राहगीर उठाकर भाग गए। यह रकम अधिकारियों को अब तक वापस नहीं मिल पाई है।
इस पूरे घटनाक्रम की शुरुआत उस समय हुई जब बाजार सीताराम क्षेत्र के एक निवासी ने दिल्ली पुलिस की सतर्कता शाखा में लिखित शिकायत दी। शिकायत में उसने आरोप लगाया कि एएसआई राकेश कुमार ने उसे झूठे केस में फंसाने की धमकी देकर 15,000 रुपये की रिश्वत मांगी। शिकायतकर्ता को रिश्वत की रकम लेकर मंगलवार दोपहर 12:30 बजे हौज काजी थाने बुलाया गया था।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने इंडिया एक्सप्रेस को बताया, “शिकायत मिलने के बाद सतर्कता शाखा ने योजना बनाकर कार्रवाई का जाल बिछाया। शिकायतकर्ता को तय समय पर रुपये लेकर थाने भेजा गया, जबकि हमारी टीम सादे कपड़ों में आसपास तैनात रही।”
जब शिकायतकर्ता ने रिश्वत की रकम एएसआई को सौंपी, दोनों थाने से बाहर आए। जैसे ही शिकायतकर्ता ने तय इशारा दिया, सतर्कता दल हरकत में आ गया और आरोपी को पकड़ने दौड़ा। इसी दौरान राकेश कुमार ने घबराकर नोट हवा में उछाल दिए।
सतर्कता शाखा की टीम ने आरोपी एएसआई को मौके से गिरफ्तार कर लिया। उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। दिल्ली पुलिस की ओर से जारी बयान में कहा गया, “घटना के दौरान कुछ नोट भीड़ में मौजूद लोगों द्वारा उठा लिए गए। हमने 10,000 रुपये बरामद किए हैं, जबकि शेष 5,000 रुपये की तलाश जारी है।”
इस घटना ने न केवल दिल्ली पुलिस की छवि पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि यह भी दर्शाता है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई करते समय किस तरह की अप्रत्याशित स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
पुलिस अब मामले की आगे की जांच कर रही है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आरोपी एएसआई के खिलाफ पूर्व में भी कोई शिकायतें दर्ज थीं या नहीं।