CM Rekha Gupta Security: मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता भी मंच पर मौजूद थीं। तभी 60 वर्षीय प्रवीण शर्मा नामक व्यक्ति कार्यक्रम स्थल पर घुस आया और नारेबाजी शुरू कर दी।
CM Rekha Gupta Security: दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। हाल ही में जनसुनवाई के दौरान उन पर हुए हमले के बाद शुक्रवार को गांधीनगर में आयोजित एक कार्यक्रम में सुरक्षा चूक का मामला सामने आया। कार्यक्रम के दौरान एक शख्स अचानक मंच के नजदीक पहुंच गया और जोर-जोर से नारेबाजी करने लगा। यह घटना उस वक्त हुई जब गांधीनगर विधानसभा के विधायक अरविंदर सिंह लवली जनता को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता भी मंच पर मौजूद थीं। तभी 60 वर्षीय प्रवीण शर्मा नामक व्यक्ति कार्यक्रम स्थल पर घुस आया और नारेबाजी शुरू कर दी। कार्यक्रम में मौजूद पुलिस और सुरक्षा अधिकारियों ने तुरंत हरकत में आकर उसे काबू में कर लिया और हिरासत में ले लिया।
प्रवीण शर्मा की पहचान अजीत नगर निवासी और स्थानीय टीवी केबल व्यवसायी के रूप में हुई है। पुलिस जांच में पता चला कि वह खुद को पिछले 40 सालों से भारतीय जनता पार्टी (BJP) का कार्यकर्ता बताता है। सूत्रों के मुताबिक शर्मा विधायक अरविंदर सिंह लवली से नाराज था और उसने नारेबाजी करते हुए कहा कि उसकी आवाज मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता तक पहुंचनी चाहिए।
घटना के बाद डीसीपी शाहदरा नूपुर प्रसाद ने मीडिया को जानकारी दी। उन्होंने कहा “आरोपी प्रवीण शर्मा कार्यक्रम स्थल के पास मौजूद बैरिकेड्स और गली में ही था। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए उसे वहां से पकड़ लिया। किसी भी समय मुख्यमंत्री या अन्य वीआईपी की सुरक्षा में सेंध नहीं लगी है।”
हालांकि यह घटना मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सुरक्षा व्यवस्था पर एक बार फिर गंभीर सवाल खड़े करती है। इससे पहले भी जनसुनवाई के दौरान उन पर हमला हुआ था। लगातार हो रही इन घटनाओं को लेकर विपक्षी दलों ने दिल्ली पुलिस और सरकार की सुरक्षा व्यवस्था पर निशाना साधा है।
कुछ समय पहले दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर जनसुनवाई के दौरान हमला हुआ था। इस मामले में आरोपी राजेशभाई खिमजी ने पुलिस को बताया कि वह सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश से नाराज़ था, जिसमें आवारा कुत्तों को शेल्टर होम में भेजने का निर्देश दिया गया था। उसने कहा कि इसी मुद्दे को लेकर उसने रामलीला मैदान में एक प्रदर्शन करने की योजना बनाई थी, जो अन्ना हजारे के भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से प्रेरित थी।
पुलिस सूत्रों के अनुसार पूछताछ में आरोपी ने दावा किया कि वह खुद को पशु प्रेमी के रूप में प्रस्तुत करना चाहता था और अदालत के हालिया आदेश से बेहद असंतुष्ट था। उसने यह भी स्वीकार किया कि बुधवार को मुख्यमंत्री की जनसुनवाई में वह आवारा कुत्तों का मुद्दा उठाने पहुंचा था, लेकिन बात न रख पाने की स्थिति में उसने उन पर हमला कर दिया।
राजेशभाई ने पुलिस को यह भी बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली की सड़कों से कुत्तों को हटाने के आदेश के बाद उसे एक सपना आया, जिसमें भगवान भैरव ने उसे इन असहाय जानवरों की भलाई के लिए कदम उठाने का संदेश दिया। इधर अदालत ने आरोपी को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। इस दौरान वरिष्ठ अधिकारी उससे पूछताछ कर रहे हैं और उसके बयानों की सत्यता की जांच के साथ-साथ किसी बड़े षड्यंत्र की संभावना पर भी नज़र रखी जा रही है