Delhi BMW Accident: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में वित्त मंत्रालय के डिप्टी सेक्रेटरी की बाइक को BMW कार से टक्कर मारने की आरोपी गगनप्रीत कौर की जमानत पर सुनवाई हुई। इस दौरान दोनों पक्ष के वकीलों में तीखी बहस हो गई।
Delhi BMW Accident: वित्त मंत्रालय में बतौर डिप्टी सेक्रेटरी तैनात रहे नवजोत सिंह की मौत मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस में सुनवाई की गई। इस दौरान घटना के दौरान BMW कार चला रही आरोपी गगनप्रीत के वकील ने उन्हें जमानत पर रिहा करने की मांग की, जबकि नवजोत पक्ष के वकील ने जमानत का विरोध करते हुए गगनप्रीत कौर पर गंभीर आरोप लगाए। इस दौरान अदालत में दोनों पक्षों के वकीलों के बीच तीखी बहस हुई, जिसमें कई नए और चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। गगनप्रीत ने इस मामले में दो अन्य लोगों को भी आरोपी बनाने की मांग की है, जिसमें डीटीसी बस का चालक और एक एम्बुलेंस चालक शामिल है। मामले में सुनवाई करते हुए न्यायिक मजिस्ट्रेट अंकित गर्ग ने गगनप्रीत की न्यायिक हिरासत 27 सितंबर तक बढ़ा दी है।
यह दुखद घटना 14 सितंबर की रात को हुई, जब वित्त मंत्रालय के डिप्टी सेक्रेटरी नवजोत सिंह अपनी पत्नी के साथ मोटरसाइकिल पर घर लौट रहे थे। आरोप है कि एक तेज रफ्तार BMW कार ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। यह BMW गगनप्रीत कौर चला रही थीं। गगनप्रीत पर सबसे गंभीर आरोप यह है कि उन्होंने घायलों को पास के किसी अस्पताल में ले जाने के बजाय, उन्हें अपनी बुआ के बेटे के स्वामित्व वाले एक अस्पताल में ले गईं, जो घटनास्थल से लगभग 19 किलोमीटर दूर था। पीड़ित परिवार का आरोप है कि अगर नवजोत को समय पर और पास के अस्पताल में ले जाया जाता, तो उनकी जान बच सकती थी।
गगनप्रीत की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता रमेश गुप्ता ने अदालत में जोरदार दलीलें पेश कीं। उन्होंने कहा कि जांच अधिकारी ने शुरुआत में इस मामले को केवल "गलत और लापरवाह तरीके से गाड़ी चलाने" का मामला माना था, लेकिन बाद में इसे गैर-इरादतन हत्या (culpable homicide not amounting to murder) में बदल दिया गया। गुप्ता ने दावा किया कि दुर्घटना के समय कार में गगनप्रीत के बच्चे भी थे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि नवजोत सिंह की बाइक को पहले एक डीटीसी बस ने टक्कर मारी थी। इसके बाद घटनास्थल पर एक एम्बुलेंस रुकी थी, जिसने घायलों को ले जाने से इनकार कर दिया। उन्होंने अदालत से डीटीसी बस और एम्बुलेंस चालक को भी आरोपी बनाने की मांग की। गुप्ता ने दुर्घटना के सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने के लिए एक याचिका भी दायर की, जिस पर अदालत ने नोटिस जारी किया है।
शिकायतकर्ता के वकील ने गगनप्रीत के बचाव पक्ष की दलीलों का कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा कि गगनप्रीत कौर खुद गंभीर रूप से घायल नहीं थीं। इसके बावजूद उन्होंने घायलों को इतनी दूर ले जाने का निर्णय लिया, जबकि वे जानती थीं कि ऐसे मामलों में हर मिनट महत्वपूर्ण होता है। वकील ने दावा किया कि गगनप्रीत का इरादा गलत था। उन्होंने कहा, "महिला (गगनप्रीत कौर) अस्पताल पहुंचने के बाद खुद आईसीयू में भर्ती हो जाती हैं और पांच घंटे बाद फर्जी 'मेडिको-लीगल केस' (एमएलसी) बनवाती हैं।" वकील ने आगे कहा, "सोचिए गाड़ी की रफ्तार कितनी तेज रही होगी कि एक करोड़ रुपये की BMW ही पलट गई। अगर आप इतनी महंगी गाड़ी चला रहे हैं, तो कम से कम घायल व्यक्ति की सहायता तो कराइए।"
न्यायिक मजिस्ट्रेट अंकित गर्ग ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद गगनप्रीत कौर की न्यायिक हिरासत को 27 सितंबर तक बढ़ा दिया है। इस मामले में पुलिस जांच जारी है और अब सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित करने वाली याचिका पर सुनवाई होगी, जिससे इस मामले की गुत्थियों को सुलझाने में मदद मिल सकती है। दूसरी ओर मामले की जांच कर रही दिल्ली पुलिस के सूत्रों का कहना है कि जिस अस्पताल में गगनप्रीत ने नवजोत सिंह को भर्ती कराया था, वह गगनप्रीत के भाई का है। आरोपी के पिता जयविन्द्र की ग्रेटर कैलाश में स्थित इसी अस्पताल की दूसरी शाखा में हिस्सेदारी भी है। पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि आरोपी ने हादसे के तुरंत बाद पुलिस को फोन क्यों नहीं किया, क्योंकि समय पर जानकारी मिलती तो पुलिस घायलों को तुरंत चंद कदमों की दूरी पर स्थित आर्मी बेस अस्पताल लेकर जा सकती थी, जिससे शायद उनकी जान बच जाती।
इस दर्दनाक हादसे में वित्त मंत्रालय के उपसचिव नवजोत सिंह की मौत हो गई, जबकि उनकी पत्नी संदीप कौर गंभीर रूप से घायल हैं। संदीप कौर का इलाज वेंकटेश्वर अस्पताल में चल रहा है। बुधवार को जब नवजोत सिंह का शव पोस्टमार्टम के बाद उनकी पत्नी को दिखाया गया तो वह बेसुध हो गई। इस मामले में दिल्ली कैंट पुलिस ने मंगलवार को सबूत और जानकारी छिपाने के आरोप में गगनप्रीत के पति परीक्षित से पूछताछ करने के लिए अस्पताल का दौरा किया, लेकिन डॉक्टरों ने पुलिस को विस्तार से पूछताछ करने की अनुमति नहीं दी। गगनप्रीत कौर के पति परीक्षित पर सबूत छिपाने का आरोप है।