नई दिल्ली

दिल्ली चुनाव में कांग्रेस को नहीं मिली एक भी सीट, लेकिन इस राज्य में मिल सकता है बड़ा फायदा

Delhi Election Result 2025: दिल्ली चुनाव परिणाम 2025 में भाजपा ने प्रचंड जीत दर्ज की है। जबकि कांग्रेस का इस बार भी खाता नहीं खुला है। हालांकि दिल्ली में भाजपा की जीत के साथ ही कांग्रेस का वोट प्रतिशत इस बार जरूर बढ़ा है।

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Delhi Election Result 2025: दिल्ली विधानसभा चुनाव परिणाम 2025 में भाजपा ने दिल्ली में प्रचंड बहुमत हासिल किया है। जबकि पिछले तीन बार से दिल्ली में चुनाव जीत रही आम आदमी पार्टी दूसरे नंबर पर पहुंच गई है। इसमें सबसे खास बात ये है कि कांग्रेस का दिल्ली में इस बार भी खाता नहीं खुला है। हालांकि पिछले दो चुनावों से तुलना की जाए तो इस बार कांग्रेस का दिल्‍ली में वोट प्रतिशत जरूर बढ़ा है। पिछले दो चुनावों में जहां कांग्रेस का वोट प्रतिशत चार से ऊपर नहीं बढ़ पाया था। वहीं दिल्ली चुनाव 2025 में कांग्रेस का वोट प्रतिशत 6.34 रहा। जबकि 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 4.3 प्रतिशत वोट मिले थे। साल 2015 में यह वोट प्रतिशत और कम था।

संदीप दीक्षित और अलका लांबा ने क्या कहा?

कालकाजी विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी अलका लांबा ने कहा "जिसने दिल्ली का नुकसान किया है, दिल्ली उसका नुकसान कर रही है। दिल्ली में भाजपा की सरकार बन रही है।" इसके साथ ही नई दिल्ली से कांग्रेस उम्मीदवार और पूर्व सीएम शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित ने भी दिल्ली में इस बार भाजपा की सरकार बनने का दावा किया है। इन सबके बीच राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि दिल्ली में अगर कांग्रेस चुनाव हार जाती है तो भी एक फायदा उसे मिल सकता है। आइए जानते हैं कांग्रेस को दिल्ली में चुनाव हारने से क्या फायदा होने वाला है।

पंजाब में कांग्रेस को मिल सकती है मजबूती

राजनीतिक जानकारों की मानें तो दिल्ली चुनाव 2025 में आम आदमी पार्टी की हार से कांग्रेस को पंजाब में फायदा मिल सकता है। दरअसल, आम आदमी पार्टी की जड़ें दिल्ली में ही हैं। इसलिए दिल्ली में हार का आप की सियासत पर व्यापक असर पड़ेगा। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि दिल्ली में चुनाव हारने के बाद आप की पंजाब सरकार पर यूं तो संकट के बादल नहीं दिख रहे, लेकिन अंदरूनी गुटबाजी, असंतोष के साथ संगठन में तोड़फोड़ जरूर बढ़ जाएगी। इसके साथ ही दिल्ली की हार के बाद आम आदमी पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व का पंजाब सरकार में दखल बढ़ने की उम्मीद भी जताई जा रही है। ऐसे में अगर पंजाब में सरकार का ढांचा कमजोर पड़ा तो कांग्रेस को इसका फायदा अगले चुनावों में मिल सकता है।

पंजाब चुनाव में कैसा था कांग्रेस का प्रदर्शन

पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 में कांग्रेस ने 18 सीटें जीती थीं। जबकि भाजपा को पंजाब में सिर्फ दो सीटों से संतोष करना पड़ा था। वहीं आम आदमी पार्टी ने 92 सीटें जीती थीं। जबकि शिरोमणि अकाली दल को भी तीन सीटें मिली थीं। एक सीट बहुजन समाज पार्टी और एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार के खाते में गई थी। यानी पंजाब चुनाव 2022 में दूसरे नंबर की पार्टी बनी कांग्रेस को साल 2027 के चुनावों में फायदा मिल सकता है। पंजाब विधानसभा में कुल 117 सीटें हैं। पंजाब में सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा 59 है। साल 2022 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी ने पंजाब में 92 सीटों पर जीत दर्ज कर प्रचंड बहुमत हासिल किया था। वहीं कांग्रेस 18 सीटों के साथ दूसरे नंबर की पार्टी बनी थी।

असंतोष और गुटबाजी का कांग्रेस उठा सकती है फायदा

राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो आम आदमी पार्टी (AAP) की पंजाब सरकार में गुटबाजी और सीएम भगवंत सिंह मान के नेतृत्व को लेकर असंतोष की खबरें आती रही हैं। इसके साथ ही आम आदमी पार्टी की आंतरिक कलह और असंतोष के चलते दिल्ली में भी कई पार्टी कार्यकर्ताओं पर भी नकारात्मक असर दिख रहा है।

इसके चलते आम आदमी पार्टी के कई नेताओं ने दूसरी पार्टियां जॉइन कर लीं। अब अगर दिल्ली में आम आदमी पार्टी चुनाव हारती है तो दिल्ली में भी पार्टी कार्यकर्ताओं में गुटबाजी तेज होने की संभावना बढ़ जाएगी। ऐसा होने पर पंजाब की भगवंत सिंह मान सरकार के खिलाफ मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस ज्यादा आक्रामक होकर पंजाब में अपनी जगह बना सकती है।

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