Delhi Patna SpiceJet Flight: दिल्ली से पटना जा रहे स्पाइस जेट विमान के टेक ऑफ होते ही पायलट को तकनीकी खराबी का अनुभव हुआ। इसके बाद पायलट ने विमान को इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर फिर से उतारने की अनुमति मांगी।
Delhi Patna SpiceJet Flight: दिल्ली से पटना के लिए उड़ान भरने वाले स्पाइसजेट के विमान में गुरुवार सुबह उड़ान के तुरंत बाद तकनीकी खराबी आ गई। विमान संख्या SG 497 ने सुबह 9:41 बजे इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (IGI) से उड़ान भरी थी, लेकिन कुछ ही मिनटों में पायलट को सिस्टम में गंभीर तकनीकी गड़बड़ी का अहसास हुआ। विमान में मौजूद 180 से ज्यादा यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पायलट ने तुरंत एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) को इसकी सूचना दी और आपातकालीन लैंडिंग की अनुमति मांगी। अनुमति मिलते ही विमान को वापस दिल्ली एयरपोर्ट की ओर मोड़ा गया।
करीब 25 मिनट की उड़ान के बाद विमान ने सुरक्षित लैंडिंग की, जिससे यात्रियों और एयरपोर्ट स्टाफ ने राहत की सांस ली। मौके पर एयरपोर्ट की फायर यूनिट और इमरजेंसी मेडिकल टीम पहले से तैनात थी। लैंडिंग के बाद सभी यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया और किसी के घायल होने की सूचना नहीं है। एयरपोर्ट प्रशासन ने तत्काल विमान को टेक्निकल बे में खड़ा कर विशेषज्ञ टीम द्वारा जांच शुरू कर दी है। प्राथमिक जांच में इंजन के एक सेंसर में खराबी की आशंका जताई जा रही है, हालांकि कंपनी की टेक्निकल टीम ने विस्तृत जांच के बाद ही आधिकारिक कारण बताने की बात कही है। एयरलाइन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि “विमान की लैंडिंग पूरी तरह सुरक्षित रही। यात्रियों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्हें पटना भेजने के लिए वैकल्पिक विमान की व्यवस्था की गई है।” एयरलाइन ने यात्रियों से असुविधा के लिए खेद जताया है।
वहीं, डीजीसीए (नागर विमानन महानिदेशालय) ने इस घटना की रिपोर्ट मांगी है और जांच के आदेश दिए हैं। गौरतलब है कि पिछले दो महीनों में यह स्पाइसजेट का तीसरा ऐसा मामला है, जब उड़ान के दौरान तकनीकी खराबी की वजह से विमान को बीच रास्ते में लौटना पड़ा। दो महीने पहले श्रीनगर जा रहे एक बोइंग विमान को दिल्ली में आपातकालीन रूप से उतारना पड़ा था, जिसमें 200 से अधिक यात्री सवार थे। वहीं अगस्त माह में दुबई के लिए रवाना हुआ एक और विमान अहमदाबाद एयरपोर्ट पर आपात स्थिति में उतारा गया था, जो सूरत से उड़ान भरने के कुछ ही समय बाद तकनीकी परेशानी में फंस गया था।
पिछले छह महीनों में देशभर में एयरलाइंस से जुड़ी तकनीकी खराबियों के 15 से अधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इनमें ज्यादातर घटनाएं निजी एयरलाइंस के बोइंग और एयरबस विमानों से जुड़ी रही हैं। जून में इंडिगो के चेन्नई से जयपुर जा रहे विमान को हवाई बीच में ही इंजन समस्या के कारण हैदराबाद में आपात लैंडिंग करानी पड़ी थी। वहीं जुलाई में गो फर्स्ट की मुंबई-गोवा फ्लाइट में केबिन प्रेशर फेल होने की शिकायत पर विमान को वापस लौटना पड़ा था। अगस्त और सितंबर में भी दिल्ली, अहमदाबाद, हैदराबाद और कोलकाता में ऐसी कई घटनाएं सामने आईं, जहां समय रहते पायलटों की सतर्कता ने बड़ा हादसा टाल दिया।
विशेषज्ञों के अनुसार, बढ़ते विमानन ट्रैफिक, पुरानी उड़ान बेड़े की स्थिति और मेंटेनेंस शेड्यूल में देरी इन घटनाओं के पीछे प्रमुख कारण हैं। डीजीसीए ने इस दौरान तकनीकी मेंटेनेंस और सुरक्षा प्रोटोकॉल को लेकर कड़ी निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। हालांकि एयरलाइंस कंपनियों का दावा है कि सभी विमानों की उड़ान से पहले नियमित जांच की जाती है और यात्रियों की सुरक्षा को लेकर कोई समझौता नहीं किया जाता। फिर भी लगातार बढ़ते ऐसे मामलों ने देश में हवाई सुरक्षा पर एक बार फिर सवाल खड़े कर दिए हैं।