नई दिल्ली

पुलिस से बचने के लिए कोर्ट पहुंचे चैतन्यानंद, इंस्टीट्यूट की 17 छात्राओं से यौन शोषण मामला

Swami Chaitanyananda Saraswati: पटियाला हाउस कोर्ट की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर इस याचिका पर सुनवाई कर रही हैं। अदालत में पेश हुए पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में अब तक पांच अलग-अलग एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं और आरोप इतने गंभीर हैं कि आरोपी की गिरफ्तारी जरूरी है।

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पुलिस के बचने के लिए कोर्ट पहुंचा 17 छात्राओं से यौन शोषण का आरोपी चैतन्यानंद सरस्वती।

Swami Chaitanyananda Saraswati: वसंत कुंज इलाके में स्थित एक प्रतिष्ठित आश्रम के प्रमुख स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती पर गंभीर यौन उत्पीड़न के आरोपों ने पूरे दिल्ली में हलचल मचा दी है। लगातार सामने आ रहे खुलासों के बीच अब इस मामले में नया मोड़ आया है। गिरफ्तारी से बचने के लिए स्वामी चैतन्यानंद ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है और अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल की है। पटियाला हाउस कोर्ट की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश हरदीप कौर इस याचिका पर सुनवाई कर रही हैं। अदालत में पेश हुए पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में अब तक पांच अलग-अलग एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं और आरोप इतने गंभीर हैं कि आरोपी की गिरफ्तारी जरूरी है। बहरहाल, अब कोर्ट की सुनवाई में तय होगा कि स्वामी चैतन्यानंद को अग्रिम जमानत मिलेगी या नहीं। उधर, अगस्त से फरार चल रहे 60 साल के स्वामी चैतन्यानंद का ठिकाना लगातार बदलता रहा है। अब पुलिस ने उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है।

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नौ साल पहले यौन शोषण का शिकर हुई महिला ने बताई आपबीती

दिल्ली के वसंत कुंज इलाके में पढ़ने वाली कई छात्राओं ने आश्रम प्रमुख चैतन्यानंद पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इनमें से एक महिला, जिसने 2016 में ही उनके खिलाफ केस दर्ज कराया था, अब सामने आई है। महिला ने बताया कि जब उसने श्री शारदा भारतीय प्रबंधन संस्थान में दाखिला लिया, तभी से बाबा की नजरें उस पर थीं। वह उसे 'बेबी' और 'स्वीट गर्ल' कहकर बुलाने लगा और अश्लील मैसेज भेजने लगा। महिला का कहना है कि हर शाम कक्षाओं के बाद बाबा अपने ऑफिस में बुलाकर परेशान करता था और बार-बार दबाव डालता था। हालात इतने बिगड़ गए कि उसे पढ़ाई छोड़नी पड़ी।

बाबा की गिद्ध जैसी नजरें

महिला का कहना है कि चैतन्यानंद की नजरें गिद्ध जैसी हैं। वह शुरू से ही छात्राओं पर गंदी नजर रखता है। इसीलिए उसने छात्राओं के वॉशरूम तक हिडन कैमरे लगवाए और उनका एक्सेस अपने मोबाइल पर लिया। ताकि वह छात्राओं को नहाते समय भी देख सके। महिला का कहना है कि चैतन्यानंद ने उसे दुबई में पढ़ाई कराने का लालच दिया था। संस्थान के कर्मचारियों के जरिए भी उस पर बात मानने का दबाव डलवाया था। यहां तक कि उसका मोबाइल फोन छीन लिया गया, लेकिन बाबा लैंडलाइन से लगातार संपर्क करता रहा। उसने महंगे होटल में डिनर और मथुरा ले जाने जैसी बातें कहीं। इसी बीच एक दिन उसने मुझे गलत तरीके से छुआ और दबोच लिया। इस घटना से डरी सहमी महिला ने उस रात ही हॉस्टल में अपना सामान छोड़कर संस्‍थान से भाग गई। महिला ने कहा कि उसकी जिंदगी का वह सबसे डरावना दौर था।

17 छात्राओं ने लगाए उत्पीड़न के आरोप

जांच के दौरान पुलिस को चौंकाने वाले तथ्य मिले हैं। कम से कम 17 छात्राओं ने स्वामी चैतन्यानंद के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। आरोप है कि स्वामी चैतन्यानंद उर्फ डॉ. पार्थसारथी श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट के निदेशक रह चुके हैं। पीड़िताओं ने बयान दिया है कि स्वामी उन्हें अश्लील संदेश भेजते थे और उनके शरीर को भी गलत तरीके से छूते थे। एक छात्रा ने पुलिस को बताया कि चैतन्यानंद ने उसे 'बेबी, आई लव यू' जैसे मैसेज किए। इसका विरोध करने पर पढ़ाई और करियर बर्बाद करने की धमकी दी।

छात्राओं से पूछता था बेहद अश्लील सवाल

जांच में सामने आया कि कई मैसेज और चैट्स डिलीट कर दिए गए थे, लेकिन डिजिटल फॉरेंसिक जांच में सबूत दोबारा मिल गए। छात्राओं ने पुलिस को ये तक बताया कि चैतन्यानंद उनसे व्हाट्सएप पर पूछते थे कि क्या तुम अपने बॉयफ्रेंड के साथ सोई हो? तुमने कभी कंडोम इस्तेमाल किया है? ऐसे संदेशों पर छात्राएं असहज हो जाती थीं और कोई जवाब नहीं देती थीं। इसपर अगले दिन कक्षाओं में संस्‍थान के कर्मचारी आकर उनपर मैसेजेस का जवाब देने का दबाव बनाते थे। साथ ही चैतन्यानंद की व्हाट्सएप चैट डिलीट कराते थे।

गिरफ्तारी से बचने की कोशिश

आरोप लगते ही स्वामी चैतन्यानंद फरार हो गए। दिल्ली पुलिस ने उनकी गिरफ्तारी के लिए लुकआउट सर्कुलर जारी किया ताकि हवाई अड्डों से भागने की कोशिश न हो सके। इस बीच उनकी लग्जरी कार से फर्जी ‘यूएन डिप्लोमैटिक’ नंबर प्लेट भी बरामद हुई, जो उनकी पहचान छिपाने और गिरफ्तारी से बचने का तरीका बताया जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, पुलिस की कई टीमें बिहार और अन्य राज्यों में छापेमारी कर रही हैं, लेकिन अब तक आरोपी का कोई सुराग नहीं मिला है। यह पहला मौका नहीं है जब स्वामी चैतन्यानंद विवादों में आए हों। साल 2016 में भी उन पर इसी तरह के गंभीर आरोप लगे थे, लेकिन उस समय मामला दब गया था।

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