Heavy Rain Warning: IMD ने लोगों से अपील की है कि वे तटीय या निचले इलाकों में सतर्क रहें। अनावश्यक यात्रा से बचें और बिजली के पोल या पेड़ों के नीचे खड़े न हों। किसानों को फसल कटाई स्थगित करने और मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है।
Heavy Rain Warning: बंगाल की खाड़ी में बने नए चक्रवातीय मोंथा तूफान के चलते मौसम विभाग ने कई राज्यों में आंधी-तूफान के साथ भीषण बारिश की चेतावनी जारी की है। भारत मौसम विभाग (IMD) का कहना है कि 28 अक्टूबर से 3 नवंबर तक देश के कई हिस्सों में भारी बारिश, आंधी-तूफान और तेज हवाएं चलने की संभावना है। IMD के अनुसार, बंगाल की खाड़ी में बन रही चक्रवाती प्रणाली ‘मोंथा’ (Cyclone Montha) के प्रभाव से दक्षिण-पूर्वी और पूर्वी भारत में मौसम सबसे अधिक सक्रिय रहेगा, जबकि उत्तर भारत में तापमान में गिरावट दर्ज की जाएगी।
IMD के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक डॉ. अतुल कुमार सिंह ने बताया कि एक नए पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) के कारण दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद में 30 अक्टूबर से 1 नवंबर के बीच हल्की बारिश और बादलों की आवाजाही जारी रहेगी। इस दौरान अधिकतम तापमान 30 डिग्री से गिरकर 26 डिग्री तक दर्ज किया जा सकता है, जबकि न्यूनतम तापमान 17 डिग्री तक पहुंचने की संभावना है। इस दौरान सुबह और रात में हल्की ठंड महसूस की जाएगी। यानी अगले एक सप्ताह तक दिल्ली-एनसीआर का मौसम सुहावना रहने वाला है।
IMD के अनुसार, चक्रवात मोंथा 29 अक्टूबर को आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटीय इलाकों से टकरा सकता है। इसके चलते काकीनाडा, कोनासिमा, वेस्ट गोडावरी, कृष्णा, गंटूर, नेल्लोर और विशाखापत्तनम जिलों में 90–100 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं चलने और बहुत भारी वर्षा की संभावना है। ओडिशा के मलकानगिरी, गंजाम, रायगड़ा, गजपति और कोरापुट जिलों में भी रेड अलर्ट जारी किया गया है। प्रशासन ने तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के निर्देश दिए हैं।
तेलंगाना के भद्राद्री कोठागुडेम, मुलुगु, जयशंकर भूपालपल्ली, महबूबाबाद, खम्मम और वारंगल जिलों में भारी बारिश का पूर्वानुमान है। तमिलनाडु के चेन्नई, चेंगलपट्टू, कांचीपुरम, तिरुवल्लुर और विल्लुपुरम जिलों में भी 28 से 30 अक्टूबर के बीच मूसलाधार वर्षा की संभावना जताई गई है। इसके अलावा चक्रवाती तूफान का असर 29 से 31 अक्टूबर के बीच बिहार, झारखंड और छत्तीसगढ़ तक पहुंचेगा। इस दौरान बिहार के दरभंगा, मधुबनी, सहरसा, सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया और कटिहार जिलों में भारी बारिश व आंधी की आशंका है। जबकि छत्तीसगढ़ के बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जिलों में गरज-चमक के साथ तेज बारिश का पूर्वानुमान है।
मोंथा तूफान या 'मोंथ' तूफान एक प्रकार का उष्णकटिबंधीय चक्रवात होता है, जो आमतौर पर समुद्र के गर्म पानी के ऊपर बनता है। यह तब पैदा होता है जब समुद्र की सतह का तापमान बहुत अधिक (लगभग 26.5°C या उससे ज्यादा) हो जाता है, जिससे हवा ऊपर उठने लगती है और निचले स्तर पर कम दबाव का क्षेत्र बनता है। यह कम दबाव वाली जगह आसपास की हवाओं को अपनी ओर खींचती है, जिससे तेज हवाए घूमती हुई ऊपर की ओर उठती हैं और एक गोलाकार चक्रवात का रूप ले लेती हैं। इस प्रक्रिया में भारी बारिश, तेज़ हवाएं और समुद्री लहरों में उफान देखने को मिलता है।
भारत के संदर्भ में मोंथा तूफान आमतौर पर अरब सागर या बंगाल की खाड़ी में बनता है और अपने रास्ते में आने वाले तटीय इलाकों में भारी तबाही मचा सकता है। ऐसे तूफान के कारण पेड़ उखड़ जाते हैं, बिजली और संचार व्यवस्था ठप हो जाती है, तथा तटीय क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। सरकार ऐसे तूफानों के दौरान लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने और बचाव कार्यों के लिए अग्रिम चेतावनी जारी करती है।