Gangster Salman Tyagi: पुलिस के अनुसार, मंडोली जेल में फांसी पर लटका मिला सलमान त्यागी कभी नीरज बवाना गैंग में था। बाद में वह लॉरेंस बिश्नोई का यार बन गया। सलमान ने पिछले साल जेल से ही पश्चिमी दिल्ली के दो कारोबारियों पर 50 लाख की फिरौती के लिए गोली चलवाई थी।
Gangster Salman Tyagi: दिल्ली की मंडोली जेल से एक सनसनीखेज खबर सामने आई है। पश्चिमी दिल्ली के कुख्यात गैंगस्टर सलमान त्यागी का शव जेल नंबर-15 की बैरक में फंदे से लटका मिला। प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक, उसने कथित रूप से चादर का फंदा बनाकर फांसी लगाई है। जेल प्रशासन ने तुरंत पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद शव को पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल भेज दिया गया। पुलिस ने घटना की जांच शुरू कर दी है। अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि सलमान ने वास्तव में आत्महत्या की है या फिर उसकी हत्या कर उसे आत्महत्या का रूप दिया गया है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि फॉरेंसिक रिपोर्ट और जेल में लगे सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद ही सच्चाई सामने आएगी।
सलमान त्यागी का नाम दिल्ली-एनसीआर के अपराध जगत में लंबे समय से चर्चित रहा है। उस पर हत्या, लूट, फिरौती और रंगदारी के दर्जनों मामले दर्ज थे। दिल्ली पुलिस ने उस पर मकोका (MCOCA) भी लगाया था। कहा जाता है कि जेल में रहते हुए भी वह वारदातों की साजिश रचता था और बाहर अपने गुर्गों को टारगेट दिलवाता था।
पिछले साल उसने जेल में बैठकर ही पश्चिमी दिल्ली के दो नामी कारोबारियों से 50 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी। जब कारोबारी झुके नहीं तो उसके इशारे पर शार्प शूटरों ने राजौरी गार्डन में गोलीबारी कर दी। इस हमले के बाद पूरे दिल्ली-एनसीआर के कारोबारी जगत में दहशत फैल गई थी। हालांकि, पुलिस ने इस केस में दीपांशु और मोइनुद्दीन नामक दो बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया था, जिन्होंने सलमान के इशारे पर गोली चलाई थी।
सलमान त्यागी का अपराध जगत से जुड़ाव कोई नया नहीं था। शुरुआत में वह नीरज बवाना गैंग का हिस्सा था और बवाना के लिए कई वारदातें अंजाम दीं। लेकिन जैसे ही दिल्ली और हरियाणा में लॉरेंस बिश्नोई गैंग का दबदबा बढ़ा, उसने नीरज बवाना का साथ छोड़ दिया और बिश्नोई-काला जठेड़ी गैंग से हाथ मिला लिया। बताया जाता है कि लॉरेंस बिश्नोई और काला जठेड़ी को प्रभावित करने के लिए ही सलमान ने राजौरी गार्डन गोलीकांड की साजिश रची थी। उसने अपने गुर्गों से कहा था कि यह वारदात सफल रही तो उसकी जगह पक्की हो जाएगी।
मंडोली जेल में पहले भी कई बार सुरक्षा पर सवाल उठ चुके हैं। कुख्यात अपराधियों के पास मोबाइल फोन और हथियार तक पहुंचने की घटनाएं सामने आती रही हैं। ऐसे में सलमान त्यागी की मौत ने एक बार फिर जेल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या सलमान ने मानसिक दबाव में आकर आत्महत्या की? या फिर गैंगवार की रंजिश के चलते उसे मौत के घाट उतारकर आत्महत्या का रूप दिया गया? ये ऐसे सवाल हैं, जिनके जवाब आने वाले दिनों में जांच के बाद ही सामने आएंगे। फिलहाल पुलिस इनके जवाब तलाश रही है।
सलमान त्यागी ने सबसे पहले पश्चिमी दिल्ली में अपराध की दुनिया में कदम रखा। शुरुआत में वह नीरज बवाना गैंग के लिए काम करता था। इस दौरान हत्या, लूट, फिरौती और रंगदारी की कई घटनाओं में शामिल रहा। पुलिस ने मकोका लगाकर उसे जेल भेजा। वह जेल में रहते हुए भी कई वारदातों की साजिश रचता रहा। इसके बाद उसने लॉरेंस बिश्नोई और काला जठेड़ी गैंग से नजदीकी बढ़ाई। इसी के चलते उसने राजौरी गार्डन में 50 लाख की फिरौती के लिए गोलीकांड की साजिश रची। सलमान त्यागी की मौत के बाद दिल्ली के अपराध जगत में हलचल तेज हो गई है। पुलिस अब उसके मोबाइल डिटेल्स और जेल में उसके संपर्कों की पड़ताल कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसकी मौत महज आत्महत्या थी या फिर किसी बड़ी साजिश का हिस्सा।
पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, मूलरूप से उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के रहने वाले कुख्यात गैंगस्टर सलमान त्यागी का जन्म का पश्चिमी दिल्ली के हरिनगर में हुआ था। सलमान त्यागी की पढ़ाई में ज्यादा रुचि नहीं थी। वह लोगों में अपने नाम का खौफ पैदा करना चाहता था। इसी के चलते उसने किशोरावस्था में अपराध की दुनिया में अपना कदम आगे बढ़ा दिया। सलमान त्यागी के चाचा मुफ्ती त्यागी भी नीरज बवानिया गिरोह से जुड़ा था। उसी ने सलमान त्यागी के लिए अपराध की दुनिया में नेटवर्क खड़ा किया।