नई दिल्ली

स्कूल से लौटी दसवीं की छात्रा ने किया सुसाइड, शिक्षकों ने भरी क्लास में किया था बेइज्जत

नोएडा में कक्षा 10 की एक छात्रा की आत्महत्या का मामला सामने आया है। पिता का आरोप है कि स्कूल में बेइज्जत किए जाने और स्कूल के टीचर्स के समझदारी नहीं दिखाने पर उनका बेटी ने ऐसा कदम उठाया है।

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प्रतीकीत्मक तस्वीर

नोएडा में एक दसवीं क्लास की स्टूडेंट की आत्महत्या का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि स्कूल में छात्रा को टीचरों ने पूरी क्लास के सामने डांटा और अपमानित किया गया। इस घटना के बाद वह इतनी बुरी तरह से टूट गई और परेशान हो गई कि उसने आत्महत्या जैसा कदम उठाया। अचानक से सामने आए इस मामले की वजह से परिवार वालों के साथ-साथ पूरा इलाका सदमे में है। मानसिक और स्कूल दबाव के चलते बच्चों की आत्महत्या मामलों में वृद्धि एक बहुत चिंताजनक विषय बन चुका है।

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सहम गई थी छात्रा

स्कूल से घर लौटने के बाद छात्रा बहुत शांत हो गई थी और काफी घबराई हुई भी लग रही थी, फिर भी उसके माता-पिता को फिर भी नहीं लगा था कि वह अगले ही दिन कुछ गलत कदम उठा लेगी। लेकिन अंदर ही अंदर डर और शर्म की वजह से वह इतना टूट चुकी थी कि उसने अगले ही दिन आठवीं मंजिल से कूदकर अपनी जान ले ली। घटना के बाद परिवार वालों का रो रोकर बुरा हाल है। उनके घर वालों का कहना है कि अगर स्कूल प्रशासन थोड़ा संयम और समझदारी के साथ परिस्थिति संभाल लेते तो शायद आज उनकी बेटी जिंदा होती।

छात्रा के पिता ने लगाए आरोप

बच्ची के पिता ने आरोप लगाया है कि उनकी बेटी ने यह कदम स्कूल टीचर्स के चलते उठाया है। उनका कहना है कि स्कूल में टीचर्स ने उसकी भरी क्लास में सबके सामने बुरी तरह बेइज्जती की, जिसकी वजह से उनकी बेटी इतनी दुखी हुई कि उसने यह कदम उठाया। उन्होंने अपनी शिकायत में कहा कि उनके तीन बच्चे हैं और तीनों उसी स्कूल में जाते हैं। उनकी सबसे बड़ी बेटी परीक्षा वाले दिन गलती से स्कूल में मोबाइल फोन ले गई थी, जिस वजह से टीचर्स ने उसे बहुत गंदे तरीके से डांटा। उनका कहना था कि कि जब उन्हें स्कूल बुलाया गया और वे वहां पहुंचे, तब भी शिक्षकों ने उनकी बेटी को सबके सामने फटकारा और अपमानित किया। साथ ही उसे लापरवाह भी कहा गया। इन आरोपों के साथ पिता ने स्कूल प्रशासन पर कार्रवाई की मांग की है और BNS धारा 108 के तहत FIR दर्ज करने की मांग भी की है।

स्कूल प्रशासन का जवाब

वहीं इन आरोपों को स्कूल का प्रिंसिपल ने इन आरोपों को झूठा बताया। उन्होंने बताया कि छात्रा बोर्ड परीक्षा में चीटिंग करने के लिए एआई का प्रयोग कर रही थी। उसे यह करते देख परीक्षा निरीक्षक ने पकड़ लिया था। इस वजह से उन्होंने उसे थोड़ा डांटा और उसकी क्लास टीचर को इस मामले के बारे में बताया। क्लास टीचर ने इस मामले के बारे में उनसे बात की और लड़की को उनके पास ले आई। उन्होंने आगे कहा कि उस स्टूडेंट को सिर्फ परीक्षा के नियमों से अवगत कराया गया था और यह बताया गया था कि बोर्ड परीक्षा में चीटिंग करने की वजह से कड़ी कार्रवाई की जा सकती है और 5 साल के लिए बैन किया जा सकता है। उनका कहना है कि स्टूडेंट के साथ किसी भी तरह की गलत व्यवहार नहीं किया गया था।

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