Bhojshala ASI Survey last day : 13वीं शताब्दी के ऐतिहासिक भोजशाला वर्सेज कमाल मौला मस्जिद में एएसआई द्वारा जारी सर्वे का आज आखिरी 99वां दिन है। 2 जुलाई को सर्वे टीम रिपोर्ट पेश करेगी। 4 जुलाई को इसपर सुनवाई होगी।
Bhojshala ASI Survey 99 day :मध्य प्रदेश के धार जिले में स्थित 13वीं शताब्दी के ऐतिहासिक भोजशाला वर्सेज कमाल मौला मस्जिद में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा जारी सर्वे का आज आखिरी 99वां दिन है। सुबह 8 बजे सर्वे टीम के सदस्य मजदूरों के दल को लेकर भोजशाला परिसर में गए हैं। बता दें कि, बीते 98 दिनों में हुए सर्वे कार्य के दौरान कई धार्मिक अवशेषों के मिलने के दावे किए गए हैं। फिलहाल, देखना ये है कि आगामी 2 जुलाई को इंदौर हाईकोर्ट में सब्मिट होने वाली रिपोर्ट को परखने के बाद कोर्ट किस पक्ष में अपा फैसला सुनाता है।
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ती इंदौर बैंच ने बीते 11 मार्च को भोजशाला मंदिर-कमल मौला मस्जिद की वैज्ञानिक सर्वेक्षण कराने की अनुमति दी थी और बाद में 29 अप्रैल को 8 हफ्ते का अतिरिक्त समय दिया था जो गुरुवार यानी आज समाप्त हो रहा है। एएसआई टीम को अपनी रिपोर्ट 2 जुलाई को उच्च न्यायालय को सौंपनी है, क्योंकि मामले में अगली सुनवाई के लिए 4 जुलाई की तारीख तय की गई है। अब एएसआई सर्वेक्षण के अंतिम रिपोर्ट पर सबकी निगाहें हैं कि कोर्ट को सौंपी गई उसकी रिपोर्ट में क्या होगा ?
एएसआई को इस विशेष परिसर पर दो समुदायों के विवादास्पद दावों की जांच के लिए कुछ ठोस सबूत मिले हैं या वो सर्वेक्षण के लिए और समय की मांग करेगा ? ये 4 जुलाई को स्पष्ट होगा। हालांकि, 29 अप्रैल को पिछली सुनवाई में एमपी हाईकोर्ट की इंदौर पीठ ने कहा था कि वो अब इस सर्वेक्षण के लिए और समय नहीं देगा।
कोर्ट के आदेश के अनुसार, आज एएसआई टीम को किसी भी हाल में अपने सर्वे कार्य पूरा करना है और 2 जुलाई तक रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है। सांस्कृतिक मंत्रालय में एक वरिष्ठ अधिकारी (अतिरिक्त महानिदेशक-ASI), जिनकी देखरेख में एएसआई टीम 'वैज्ञानिक सर्वेक्षण' कर रही है। उन्होंने इस संदर्भ में कोई भी बयान देने से मना कर दिया, क्योंकि मामला उच्च न्यायालय के समक्ष विचाराधीन है।
खास बात ये है कि एएसआई द्वारा किए जा रहे सर्वे के 98वे दिनों के दौरान 1,700 से अधिक कलाकृतियां खुदाई में निकली हैं। इनमें मुख्य रूप से कई मूर्तियां, संरचनाएं, स्तंभ, दीवारें और भित्ति चित्र शामिल हैं। एएसआई ने परिसर की खुदाई के दौरान पाए गए पत्थरों, खंभों का 'कार्बन डेटिंग' सर्वेक्षण भी किया है। पूरी सर्वे प्रक्रिया उच्च न्यायालय के निर्देशों का पालन करते हुए दोनों (हिंदी-मुस्लिम) पक्षों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में की गई है।