स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अंतर्गत नगरीय निकायों की तर्ज पर अब प्रदेश में प्रत्येक ग्राम पंचायत में घर-घर कचरा संग्रहण व्यवस्था शुरू होगी। सरकार ने इस बारे में कार्ययोजना बनाई है। इसके तहत स्वच्छता कार्मिक लगाए जाएंगे, जिनके जिम्मे नियमित साफ-सफाई रहेगी।
बूंदी. स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अंतर्गत नगरीय निकायों की तर्ज पर अब प्रदेश में प्रत्येक ग्राम पंचायत में घर-घर कचरा संग्रहण व्यवस्था शुरू होगी। सरकार ने इस बारे में कार्ययोजना बनाई है। इसके तहत स्वच्छता कार्मिक लगाए जाएंगे, जिनके जिम्मे नियमित साफ-सफाई रहेगी। इसके साथ ही पंचायत में कचरा संग्रहण केंद्र स्थापित किए जाएंगे। चयनित पंचायतों में प्लास्टिक वेस्ट मैनजमेंट यूनिट लगाई जाएंगी। यहां प्लास्टिक युक्त कचरे को रिसाइकिल कर उत्पाद बनाए जाएंगे। इसकी बिक्री कर पंचायत कमाई भी करेगी। बूंदी जिले में पांच ब्लॉक में जिले में 182 ग्राम पंचायत है। इनमें से 106 पंचायतों में घर-घर कचरा संग्रहण के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो गई है। शेष पंचायतों में प्रकिया जारी है। आमतौर पर पंचायतों में नियमित सफाई नहीं होने से सडक़ों पर गंदगी फैली रहती है और नालियां जाम रहती है। इससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। अब नई व्यवस्था से गांवों में घरों के बाहर प्रतिदिन कचरा उठेगा।
यहां लगेंगी यूनिट
मिशन के तहत हर ब्लॉक में 16 लाख रुपए की लागत से एक प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट प्लांट बनेगा, जिसमें प्लास्टिक कचरा एकत्रित होगा। फिलहाल जिले में बूंदी के अस्तोली कांजरी सिलोर व ङ्क्षहडोली के चतरंगज में प्लांट लगाने की तैयारी चल रही है। अन्य ब्लॉक के लिए जगह चिन्हित की जा रही है। इस यूनिट के लगने से गांव प्लास्टिक मुक्त व अधिक सुंदर तथा स्वच्छ नजर आएंगे। पूरे पंचायत से एकत्रित प्लास्टिक यहां प्लांट पर आएगी। जहां उसका निस्तारण किया जाएगा।
लगेंगे गोबर गैस प्लांट
स्वच्छ भारत मिशन के तहत संबंधित जिले में गोपालन विभाग से पंजीकृत गोशालाओं में गोबर गैस प्लांट लगाए जाएंगे। इसके लिए प्रत्येक गोशाला को 50 लाख रुपए मिलेंगे। फिलहाल डाबी के श्रीगोपाल गोशाला का पायलेट प्रोजेक्ट के तहत चयन किया गया है, जिसका 50 फीसदी काम हो चुका है। शेष कार्य बजट के अभाव में अटका हुआ है। इसके निर्माण के निर्माण के बाद गांवों में पाइप लाइन बिछेगी ओर बायोगैस बनेगी।
स्थापित होंगे कचरा संग्रण केंद्र
जिले की प्रत्येक ग्राम पंचायत क्षेत्र में 10 लाख रुपए की लागत से कचरा संग्रहण केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए प्रशासन प्रत्येक पंचायत पर एक बीघा जमीन आवंटित कर रहा है।। यहां सूखा, गीला व कांच कचरा डिस्पोजल के लिए यह मशीन लगेगी, जिसमें अलग-अलग कचरे का निस्तारण होगा। इनसे खाद बनाकर पंचायतें कमाई भी करेंगी। विभागीय अधिकारियों के अनुसार इसके लिए 79 स्वीकृति जारी हो चुकी है। इनमें से 11 के काम पूरे हो गए, जबकि 21 में कार्य चल रहा है।
स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण के अंतर्गत नगरीय निकायों की तर्ज पर अब जिले की प्रत्येक पंचायत में घर-घर कचरा संग्रहण व्यवस्था शुरू होगी। कचरा संग्रहण केंद्र स्थापित होंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता कार्मिक सफाई व्यवस्था का जिम्मा संभालेंगे। प्रतिदिन पंचायतों में से कचरा उठाया जाएगा।
निजामुद्दीन, जिला परियोजना समन्वयक स्वच्छ भारत मिशन बूंदी