राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना ( ईआरसीपी) परियोजना से बूंदी जिले के तीन शहरों, 21 ढाणियों और 365 गांवों में पेयजल समस्या का स्थाई समाधान मिलेगा। विभिन्न क्षेत्रों में फ्लोराइडयुक्त पानी की समस्या से भी स्थाई रूप से निजात मिलेगी
बूंदी. राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना ( ईआरसीपी) परियोजना से बूंदी जिले के तीन शहरों, 21 ढाणियों और 365 गांवों में पेयजल समस्या का स्थाई समाधान मिलेगा। विभिन्न क्षेत्रों में फ्लोराइडयुक्त पानी की समस्या से भी स्थाई रूप से निजात मिलेगी। पेयजल समस्या समाधान में यह परियोजना जिले के लिए वरदान सिद्ध होगी।
ईआरसपी परियोजना से बूंदी जिले के बड़े क्षेत्र में पेयजल समस्या का स्थाई समाधान हो सकेगा। पार्वती-कालीङ्क्षसध-चंबल नदियों को इंटरङ्क्षलक कर पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (पीकेसी- ईआरसीपी) के तहत नौनेरा बांध निर्माण से बूंदी जिलावासियों को पेयजल के रूप में बडी सौगात मिली है। जिले में परियोजना के माध्यम से पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए आगामी 2 माह में कार्य शुरू हो जाएंगे।
हाडौती में पार्वती-कालीङ्क्षसध-चंबल पर बने नोनेरा बांध से बूंदी जिले में 713.88 करोड़ की लागत से 3 शहरों सहित 365 गांव और 121 ढाणियों की प्यास बुझेगी। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (पीकेसी- ईआरसीपी) परियोजना में बूंदी जिले के लिए 22.55 मिलियन क्यूबिक मीटर पेयजल प्रावधान किया गया हैं। इसके लिए टेण्डर की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।
पेयजल परियोजना के धरातल पर उतरने के बाद बूंदी जिले के बड़ा हिस्सा सरफेस (सतही) वाटर से जुड़ जाएगा। नोनेरा पेयजल परियोजना से कोटा व बूंदी के 749 गांवों को जोड़ा जाना है, जिसमें बूंदी जिले के 365 गांव शामिल हैं। केशवरायपाटन, बूंदी, तालेड़ा व नैनवां के इन 365 गांवों के साथ 121 ढाणियों को भी नोनेरा बांध से पानी मिलना है। ये गांव बूंदी, केशवरायपाटन, तालेड़ा व नैनवां के हैं। पेयजल परियोजना का सबसे ज्यादा लाभ केशवरायपाटन उपखण्ड क्षेत्र को मिलेगा। इस क्षेत्र में फ्लोराइडयुक्त पानी की समस्या अधिक होने के कारण गांव में विकट हालात रहते हैं।
ऐसे में क्षेत्रवासियों को फ्लोराइडयुक्त पानी की समस्या से भी स्थाई रूप से निजात मिलेगी। इस क्षेत्र के 182 गांवों तथा केशवरायपटन शहर को परियोजना से जोडकऱ शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाया जाएगा। जिले के तीन नगरीय क्षेत्र केशवरायपाटन, लाखेरी व कापरेन को पेयजल परियोजना में शामिल किया गया है। इसके अलावा तालेड़ा उपखंड क्षेत्र के 48, बूंदी के 47, केशवरायपाटन के 182 तथा नैनवां उपखण्ड क्षेत्र के 88 गांवों को पेयजल सुविधा मिलेगी। साथ ही इन क्षेत्रों में बसी 121 ढाणियों को पीने का पानी मिल सकेगा।
7 जल शोधन संयंत्रों का होगा निर्माण
परियोजना में शामिल कापरेन शहर में परियोजना में 58 एमएलडी क्षमता का जल शोधन संयंत्र स्थापित किया जाएगा। कापरेन, गण्डोली खुर्द, लबान, करवर, बाजड, खटकड़ सारसला में पंप हाऊस बनाएं जाएंगे। इसके अलावा 11100 किलोलीटर क्षमता की 69 टंकियों का निर्माण कराया जाएगा।
इन कार्यों के पूरा होने के बाद परियोजना में शामिल शहरों, गांवों और ढाणियों में 52 हजार 239 घर-घर पानी के कनेक्शन किए जाएंगे। नोनेरा बांध से बूंदी जिले के लिए किए गए पेयजल प्रावधान के तहत 2 हजार 190 किलोमीटर लंबी पाइप लाइन बिछाई जाएगी। जानकारी के अनुसार 719 किलोमीटर पाइप लाइन डालकर पानी टंकियों तक पहुंचाया जाएगा। इसके बाद टंकियों से गांवों तक पानी पहुंचाने के लिए 546 किलोमीटर पाइप लाइन डाली जाएगी। इन कार्यों के पूरा होने के बाद 925 किलोमीटर पाइप लाइन बिछाकर घर-घर पानी के कनेक्शन दिए जाएंगे।