बदलती जीवनशैली, असंतुलित खानपान, मानसिक तनाव और भागदौड़ से भरे जीवन ने दिल की धड़कनों को असामान्य बना दिया है।
मधुसूदन शर्मा
राजसमंद. बदलती जीवनशैली, असंतुलित खानपान, मानसिक तनाव और भागदौड़ से भरे जीवन ने दिल की धड़कनों को असामान्य बना दिया है। कभी बुजुर्गों तक सीमित मानी जाने वाली हृदय बीमारियां अब युवाओं को भी अपनी गिरफ्त में ले रही हैं। आंकड़े यह दर्शाते हैं कि राजसमंद जिले में हृदय रोग किस कदर गंभीर समस्या बन चुका है। आरके अस्पताल प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2024 में अस्पताल की कुल आईपीडी में 21,964 मरीज भर्ती हुए। इनमें से 732 मरीज हृदय रोग से ग्रसित पाए गए। यह आंकड़ा कुल भर्ती मरीजों का लगभग 1.3 प्रतिशत है। सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि वर्ष 2024 में अस्पताल के 1,527 आईसीयू मरीजों में से 469 को हृदय रोग की समस्या रही। यानी हर तीसरा आईसीयू मरीज दिल की बीमारी से जूझ रहा था। यह तथ्य साफ संकेत देता है कि हृदय रोग अब गंभीर संकट के रूप में उभर चुका है।
राजस्थान ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में 25 से 40 वर्ष तक की आयु वर्ग के युवा अचानक हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं। यह आयु वह है जब व्यक्ति परिवार और करियर की जिम्मेदारियों में सबसे सक्रिय रहता है, लेकिन अचानक कार्डियक अरेस्ट या ब्लॉकेज जैसी समस्या जीवन को खत्म कर रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि थ्रॉम्बोसिस (खून में थक्का जमना) और ब्लड क्लॉट बनने की प्रवृत्ति युवाओं में तेजी से बढ़ी है। कोरोना महामारी के बाद से हार्ट अटैक और स्ट्रोक के मामले और भी अधिक बढ़े हैं।