पिगमेंटेशन (Hyper Pigmentation) होने पर आपकी स्किन डैमेज होने का खतरा बढ़ जाता है। यह समस्या चेहरे के किसी भी हिस्से में हो सकती है। इससे बचने के लिए आप निम्न उपाए अपना सकते हैं।
Hyper Pigmentation : हाइपरपिगमेंटेशन त्वचा की समस्या है। हाइपरपिगमेंटेशन में त्वचा के कुछ क्षेत्रों में मेलेनिन का उत्पादन बढ़ जाता है। मेलेनिन वह चीज है जो त्वचा को अपना रंग प्रदान करता है। हाइपरपिगमेंटेशन (Hyper Pigmentation) की समस्या में त्वचा पर काले धब्बे या पैच बनने कि समस्या होने लगती है। जो आपके चेहरे, हाथों, पैरों या शरीर के अन्य हिस्सों पर दिखाई देने लगते हैं। आइए जानते हैं इस बीमारी के लक्षण और बचाव क्या है।
मेलास्मा हाइपरपिगमेंटेशन का एक सामान्य रूप है, जो प्रायः महिलाओं में गर्भावस्था या हार्मोनल बदलावों के समय देखा जाता है। सूर्य के संपर्क में आने से छोटे, भूरे या काले धब्बे, जिन्हें सन स्पॉट्स कहा जाता है, उत्पन्न होते हैं। पोस्ट-इंफ्लेमेटरी हाइपरपिगमेंटेशन त्वचा की चोटों, जैसे मुंहासे, एक्जिमा या अन्य चोटों के बाद विकसित हो सकता है। कुछ दवाएं, जैसे कुछ एंटीबायोटिक्स और गर्भनिरोधक गोलियां, भी हाइपरपिगमेंटेशन का कारण बन सकती हैं।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।