Human teeth found in toffee : रिटायर्ड प्राचार्या की टॉफी में नकली दांत निकलने का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। उन्होंने कहा- ये इंसानों की सेहत से जुड़ा गंभीर मामला है। ऐसी कंपनी के सभी प्रोडक्ट्स की जांच होनी चाहिए।
Human teeth found in toffee : अगर आप भी टॉफी खाने के शौकीन हैं तो सावधान हो जाइए। अब तक आपने टॉफी खाने से दांत खराब होने की हिदायतें सुनी होगी, लेकिन टॉफी में ही दांत निकले हैं, क्या ऐसा कभी सुना है ? मध्य प्रदेश के खरगोन शहर की बैंक कॉलोनी में रहने वाली निजी स्कूल की सेवानिवृत्त प्रिंसिपल माया देवी टॉफी चबाते समय उस समय संकोच में पड़ गईं, जब टॉफी खाते समय अचानक उनके मुंह में कुछ हार्ड सी चीज आई। अटपटा लगने पर उन्होंने जब वो चीज निकालकर देखी तो उके होश उड़ गए। उनकी टॉफी में एक नहीं बल्कि 4-4 मानव दांत निकले हैं। हालांकि, बाद में की गई पड़ताल में पता चला कि, ये इंसानी दांत आर्टिफीशियल हैं।
मामले को लेकर मायादेवी गुप्ता का कहना है कि मौजूदा समय में वो आस्था ग्राम ट्रस्ट में निशुल्क सेवाएं दे रही हैं। मायादेवी यहां रहने वाले बच्चों को पढ़ाती भी हैं। यहां बच्चों के साथ जन्मदिन मनाने के लिए कई समाजसेवी आए दिन आते रहते हैं। पिछले दिनों ऐसे ही एक जन्मदिन के दौरान बच्चों समेत स्टाफ को टॉफी बांटी गई थी।
प्रिंसिपल मायादेवी गुप्ता ने बताया कि बच्चों के साथ साथ उन्हें भी नामी कंपनी की कॉफी फ्लेवर टॉफी मिली। घर आकर जब उन्होंने वो टॉफी खाई तो चबाते समय टॉफी उन्होंने जरूरत से ज्यादा कड़क मेहसूस हुई। पहले लगा टॉफी का क्रंची हिस्सा होगा, लेकिन जब उस चीज पर दोबारा जोर लगाया तो अपने ही दांत हिल गए। मुंह से निकालकर देखा तो चॉकलेट मटेरियल के साथ चार नकली दांत का सेट निकला। इसमे दो दांतों में गेप थी जिसकी बनावट हुबहू इंसानो को लगाने के लिए इस्तेमाल होने वाली केप जैसी थी, यह देख घबरा गई।
उन्होंने बताया, घटना के बाद मेरे टॉफी खाने के शौक को झटका सा लगा। ये मानव दांत टॉफी के अंदर कैसे आए, फिलहाल ये जांच का विषय है। शिक्षिका ने टॉफी के अंदर निकले दांतों को संभालकर रखा है।
शिक्षिका ने आमजन से अपील करते हुए कहा कि ये सेहत से जुड़ा मामला है। नामी कंपनियों की टॉफी में इस तरह की लापरवाही गंभीर है। ऐसी कंपनी के सभी प्रोडक्ट्स की जांच होनी चाहिए। प्रशासन को इस ओर ध्यान देना चाहिए। दांत के अलावा कोई और शरीर को नुकसान पहुंचाने वाली चीज भी हो सकती थी, जिसे चबाने पर शायद उसका एहसास न होता और वह शरीर में चली जाती।