चांपा कोरबा रोड रेलवे स्टेशन चांपा में 54 करोड़ रुपए में बने वाय सेप ओवर ब्रिज की गुणवत्ता की पोल दो साल में ही दिखने लगा है। दरअसल, आरओबी का सरिया बाहर आ गया है। मुख्य जॉइंट पर बाहर आया ये सरिया बड़ी दुर्घटना निमंत्रित कर रहा है।
यूं तो इस ओवर ब्रिज को निर्मित हुए 1 साल से कुछ वक्त ही ज्यादा हुआ होगा और मात्र इतने कम समय में ओवर ब्रिज का क्षतिग्रस्त होकर सरिया का बाहर आज जाना निर्माण गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर रहा है। गौरतलब है कि बिर्रा फाटक में बीते 9 वर्ष से अधिक समय से निर्मित 54 करोड़ की लागत से निर्मित हुआ यह ओवर ब्रिज कहीं-कहीं पर धस भी गया है। जिसके कारण बने गड्ढे से यहां से गुजरने वाले वाहनों को काफी नुकसान पहुंच रहा है। ओवरब्रिज के पास रहने वाले रुपेश गर्ग ने बताया कि निर्माण कार्य के दौरान ही ठेकेदार द्वारा गुणवत्ता को दरकिनार कर दिया गया है। जिसकी शिकायत मोहल्ले वासियों ने कई बार कलेक्टर और विधायक एवं स्थानीय नेताओं से की लेकिन फिर भी किसी ने इस और ध्यान नहीं दिया। जानकारों का मानना है कि यदि ओवर ब्रिज के सरिया से वहां का टायर फटता है तो वाहनों के अनियंत्रित होकर ओवर ब्रिज से नीचे गिरने की पूरी संभावना है।
चांपा बिर्रा आरओबी में जब काम चल रहा था तो चांपा से कोरबा साइड का हिस्से में इतना घटिया स्तर की मिट्टी फिलिंग की गई थी कि एक ओर का पूरा हिस्सा भरभराकर गिर गया था। इसके बाद छह माह तक नए सिरे से इसकी मरम्मत कराई गई और ब्रिज को चलने लायक बनाया गया। यानी इस ब्रिज का शुरू से ही विवादों का नाता रहा है। विभागीय इंजीनियरों ने आंख मूंदकर इस पर काम कराया और ठेकेदार ने भी उन्हें भ्रष्टाचार करने की खुली छूट दे दी थी।
0 चांपा बिर्रा आरओबी
0 लागत 54 करोड़
0 2013 में निर्माण कार्य शुरू
0 2021 में भरभराकर गिरा एक छोर
0 2022-23 में आवागमन की शुरूआत
0 2023 में धंसा आरओबी
0 2024 में फिर निकलने लगे लोहे ज्वाइंटर
-चांपा बिर्रा आरओबी में जहां-जहां भी खामियां है उसे ठीक कराने ठेकेदार को बोला जाएगा। ताकि आवागमन सुगम हो सके।
-रमेश वर्मा, एसडीओ सेतु विभाग