केरल हाईकोर्टः केंद्र के हलफनामे के बाद टिप्पणी कोच्चि. केरल हाईकोर्ट ने कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक वायनाड भूस्खलन पीड़ितों के ऋण माफ करने के लिए बैंकों से नहीं कह सकता है लेकिन केंद्र सरकार और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ऐसा कर सकते हैं। जस्टिस ए.के. जयशंकरन नांबियार और जस्टिस ईश्वरन एस. की पीठ […]
कोच्चि. केरल हाईकोर्ट ने कहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक वायनाड भूस्खलन पीड़ितों के ऋण माफ करने के लिए बैंकों से नहीं कह सकता है लेकिन केंद्र सरकार और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ऐसा कर सकते हैं। जस्टिस ए.के. जयशंकरन नांबियार और जस्टिस ईश्वरन एस. की पीठ ने कहा कि वह केंद्र और प्राधिकरण को बैंकों से वायनाड भूस्खलन पीड़ितों के ऋण माफ करने के लिए कहने के संबंध में आदेश पारित करेगी। पीठ ने कहा कि केरल बैंक ने आपदा पीड़ितों के ऋण माफ कर दिए हैं जिससे बैंक पर करीब पांच करोड़ रुपए का बोझ बढ़ गया है। यदि केरल बैंक ऐसा कर सकता है तो कम बोझ वाले अन्य बैंक भी ऐसा कर सकते हैं।इस सप्ताह की शुरुआत में केंद्र सरकार ने एक हलफनामा दाखिल करके कहा था प्राकृतिक आपदाओं पर आरबीआइ के निर्देशों के अनुसार वायनाड भूस्खलन पीड़ितों के ऋणों का केवल पुनर्गठन या पुनर्निर्धारण किया जा सकता है। पीठ की उक्त टिप्पणी केन्द्र के हलफनामे के बाद ही आई है। पीठ ने राज्य सरकार को मलबा हटाने सहित पर्याप्त उपाय करने का भी निर्देश दिया, ताकि पिछले साल जैसी आपदा फिर न हो।