मद्रास उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को चुनाव आयोग से कहा, “अपनी शक्ति का दुरुपयोग करने के लिए इस संवैधानिक न्यायालय को माध्यम नहीं बनाएं।” न्यायालय ने भारत चुनाव आयोग (ईसीआई) को एआईएडीएमके को पत्र जारी करने के लिए कड़ी फटकार लगाई। इस पत्र में पार्टी द्वारा पारित प्रस्तावों पर आपत्ति जताने वाले कई अभ्यावेदन शामिल […]
मद्रास उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को चुनाव आयोग से कहा, "अपनी शक्ति का दुरुपयोग करने के लिए इस संवैधानिक न्यायालय को माध्यम नहीं बनाएं।" न्यायालय ने भारत चुनाव आयोग (ईसीआई) को एआईएडीएमके को पत्र जारी करने के लिए कड़ी फटकार लगाई। इस पत्र में पार्टी द्वारा पारित प्रस्तावों पर आपत्ति जताने वाले कई अभ्यावेदन शामिल हैं।जस्टिस आर. सुब्रमण्यम और जस्टिस जी. अरुल मुरुगन की न्यायिक पीठ ने कहा कि चुनाव आयोग का पत्र "चुनाव आयोग की अधिकारिता शक्ति का अतिक्रमण करने जैसा है।" ईसीआई ने इस न्यायालय के आदेश को तोड़-मरोड़ कर पेश किया है और एआईएडीएमके को नोटिस जारी किया है।पीठ ने कहा कि इससे पता चलता है कि ईसीआई इस मामले से निपटने में तटस्थ नहीं है। पीठ को बताया गया कि चुनाव आयोग ने जस्टिस आर सुब्रमण्यम की अध्यक्षता वाली खंडपीठ के आदेश के साथ 9 दिसंबर 2024 को एआईएडीएमके को एक पत्र भेजा था। पत्र में पूर्व सांसद और एआईएडीएमके के निष्कासित नेता ओ. पन्नीरसेल्वम (ओपीएस) के बेटे ओपी रवींद्रनाथ सहित कई व्यक्तियों द्वारा किए गए अभ्यावेदन का जवाब मांगा गया है।
जज का प्रश्न
जारी किए गए पत्र पर चुनाव निकाय को फटकार लगाते हुए जज आर सुब्रमण्यम ने पूछा, “ईसीआई अपने पत्र में यह कैसे कह सकता है कि उच्च न्यायालय ने एआईएडीएमके को नोटिस जारी करने के निर्देश जारी किए हैं? हमने ऐसे निर्देश जारी नहीं किए। चूंकि ईसीआई के स्थायी वकील ने प्रस्तुत किया था कि अभ्यावेदनों का चार दिनों में निपटारा किया जाएगा, इसलिए हमने सभी पक्षों पर विचार करने का निर्देश दिया था, हमने नोटिस जारी करने का निर्देश नहीं दिया। इसका दोष हम पर मत दीजिए।”
आयोग ने माफी मांगी
पीठ के समक्ष माफ़ी मांगते हुए, ईसीआई के स्थायी वकील निरंजन राजगोपालन ने कहा कि आयोग ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि मामले की जांच करनी है या नहीं और पक्षों को नोटिस जारी किए गए हैं ताकि यह विचार किया जा सके कि विवाद का फ़ैसला करने का कोई अधिकार क्षेत्र उसके पास है या नहीं। उन्होंने कहा कि अगर संतुष्टि हो जाती है, तभी हम आगे बढ़ेंगे।